Agra News: मुनाफाखोरी के चक्कर मे ग्राहकों की राह ताकते रहते हैं कस्बा के गैर जरूरी दुकानदार

संवाददाता सुशील चंद्रा
बाह: प्रदेश में चल रहे आंशिक लॉक डाउन में सरकार द्वारा लोगों के दैनिक उपयोग से संबंधित सामान की दुकानों को ही खोलने की छूट दी है।लेकिन कुछ मुनाफाखोर दुकानदार गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानें खोलकर जमकर कालाबाजारी कर रहे हैं।इन गैर जरूरी दुकानों के स्वामियों पर पुलिस ठोस कार्यवाही करने से बच रही है।
साथियों का दुकान के अंदर से निकलने का इंतजार करती बाहर खड़ी महिलाएं
कस्बा बाह के बाजार के हालात बहुत भयावह हैं यहाँ सुबह से ही जरूरी सामान की दुकानों के साथ गैर जरूरी सामान रेडीमेड गारमेंट्स,ज्वेलरी, बर्तन,फुटवियर, साडी शोरूम, गिफ्ट आइटम,इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानें खुल जाती हैं और दुकानदार गैर जरूरी सामान के लिए ग्राहकों को बाजार में एकत्रित कर लेते हैं जिससे बाजार में मेले जैसी स्थिति रहती है।कई बार पुलिस की गाड़ी का सायरन सुनकर बाजार में भगदड़ की स्थिति पैदा हो जाती है।दुकानदार सुबह होते ही अपनी गैर जरूरी सामान की दुकानों पर पहुँच जाते हैं और पुलिस की निगरानी करने के लिए कुछ लोग बाहर बैठ जाते हैं बिक्री करने वाले दुकान के अंदर।
ग्राहक से सौदेबाजी करता दुकानदार
जैसे ही शिकार आता है तो बाहर निगरानी कर रहा व्यक्ति मौका देखकर शटर खोलकर ग्राहकों को अंदर घुसा देता है।और खरीददारी पूरी होने पर मौका देखकर ग्राहकों को दुकान से बाहर निकाल दिया जाता है।यह चोर पुलिस का खेल सुबह से देर शाम तक चलता रहता है।जब भी पुलिस निरीक्षण करने के लिए बाजार में जाती है तो दुकानों के बाहर बैठे निगरानी करने वाले भीतर बिक्री करने वाले को फोन कर चैकिंग की सूचना दे देते हैं।बंद दुकानों में ग्राहकों का घंटे घुसे रहना किसी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकता है।
कालाबाजारी और मुनाफाखोरी पर सरकार से लेकर बड़े बड़े नेतागण और अधिकारी आक्रोश व्यक्त कर चुके हैं लेकिन बाह पुलिस इन सबसे बेपरवाह है।चंद दुकानदारों पर नोटिस चस्पा कर वाहवाही हासिल करने वाली बाह पुलिस इन मुनाफाखोरों के खिलाफ ठोस कार्यवाही करने से बच रही है जिससे इन मुनाफाखोरों के हौसले बुलंद हैं और ये जमकर कालाबाजारी को अंजाम दे रहे हैं।
दुकानों के बाहर और गलियों में बेबजह बैठने वालों पर कार्यवाही न होने से बाजार में रहती है लोगों की भीड़
कस्बा में सुबह से शाम तक लोगों का आवागमन सामान्य दिनों की भाँति चलता रहता है।जिसका मुख्य कारण बाजार के गैर जरूरी सामान बेचने वाले दुकानदार हैं।गैर जरूरी सामान के दुकानदार ग्राहकों का पलकें बिछाए ऐसे इंतजार करते रहते हैं जैसे कि शिकारी अपने शिकार का।जरूरी सामान की दुकानें दोपहर एक बजे बंद हो जाती हैं।लेकिन लोगों का आवागमन बंद नही होता है।स्थानीय पुलिस बाजार में बेबजह आने वालों पर लगाम नहीं लगा पा रही है
लोग पुलिस को तरह तरह के बहाने बनाकर बाजार आ रहे हैं जिसके कारण दुकानदार भी सारे दिन दुकानों के बाहर बैठकर ग्राहकों का इंतजार करते रहते हैं।एक ओर छोटे दुकानदार लॉक डाउन में अपनी गैर जरूरी सामान की दुकानों को बंद रखकर जहां जिलाधिकारी के आदेश का समर्थन कर रहे हैं। वहीं बड़े बड़े गैर जरूरी सामान के दुकानदार सुबह से शाम तक अपनी दुकानों के बाहर ग्राहक के आने की राह ताकते रहते हैं। पुलिस यदि बेबजह दुकानों और गलियों में बैठने वालों पर कार्यवाही करे तो बाजार की अनावश्यक भीड़ भाड़ को रोका जा सकता है।