Agra News : होली सत्संग एवं संगीतमयी संध्या का आयोजन प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल दयालबाग आगरा में किया गया

संवाददाता मुस्कान सिंह आजाद
आज के तकनीकी युग में मनुष्य क्रोध, तनाव, भय और निराशा से घिरता जा रहा है। इसका दुष्प्रभाव हमारी कार्यकुशलता तथा व्यक्तित्व पर पड़ता है। विभिन्न क्रियात्मक एवं शक्तिशाली कौशल और तकनीक- योग, प्राणायाम, श्वास व्यायाम के द्वारा इनसे उबरा जा सकता है।
मनुष्य के स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन के लिए व्यक्तित्व का विकास आवश्यक है। इसी उद्देश्य में *निरंतर रत श्री श्री रविशंकर द्वारा संचालित संस्था आर्ट ऑफ लिविंग* के द्वारा सत्संग एवं संगीत संध्याओं का आयोजन किया जाता है। इसी श्रृंखला में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा *होली सत्संग एवं संगीतमयी संध्या का आयोजन 24 मार्च, 2024 को प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल, दयालबाग, आगरा* में किया गया।
सत्संग का उद्देश्य मनुष्य को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए, व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करना है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए _रुचिरा ढल ने आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के एपेक्स मेंबर (उत्तर प्रदेश वेस्ट, द आर्ट ऑफ लिविंग) डॉ. सुशील गुप्ता निदेशक – प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल, निदेशिका, सुनीता गुप्ता, प्राचार्य, अरविंद श्रीवास्तव*, सुनील अग्रवाल (पूर्व एपेक्स मेंबर) नीलू अग्रवाल (पूर्व एपेक्स मेंबर) डिस्ट्रिक्ट कार्डिनेटर- नीता सरीन, प्रमोद झा (एक्साइज कमिश्नर एम.पी.) एवं समस्त उपस्थित भक्तजन का हार्दिक अभिनंदन किया।
सत्संग के प्रारंभ में भजन गायक शुकुल श्रीवास्तव के द्वारा गणेश वंदना से आरम्भ हुए भक्ति रस से सराबोर भजनों ने सभी को आत्मविभोर किया। सत्संग के श्रवण से सभागार में उपस्थित सभी लोगों को परमानंद की अनुभूति हुई। अतिथि वक्ता डॉ . संगीता झा ने बताया कि जीवन पर तनाव से होने वाले प्रभाव से व्यक्ति अपरिचित रहता है। उन्होंने कहा कि जीवन में जो हम पाना चाहते हैं, वह मिल जाता है, तो वह सफलता है और इस सफलता को निरंतर चाहना ही प्रसन्नता है। उन्होंने ध्यान पर विशेष बल देते हुए कहा कि इनके निरंतर अभ्यास से भय, निराशा, क्रोध, तनाव, नकारात्मक, दृष्टिकोण आदि को दूर करके सकारात्मक ऊर्जा का विकास आसानी से किया जा सकता है।
प्राणायाम के द्वारा ऊर्जा को सही दिशा की ओर प्रेरित किया जा सकता है। सत्संग का आनंद लेकर सभी ने प्रसन्नता पूर्वक एक दूसरे को चंदन का तिलक कर होली की शुभकामनाएँ देकर फूलों की होली खेलकर सुंदर छटा बिखेर दी।
सत्संग में उपस्थित होकर जनसाधारण ने भक्ति रस का आनंद उठाया तथा आनंद प्रदान करने वाले क्षणों को अविस्मरणीय बनाया।