मानव जीवन की समस्याओं का समाधान है भगवत गीता: स्वामी ज्ञानानंद महाराज का आगरा सत्संग
सूरसदन में आयोजित दिव्य गीता सत्संग में केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल समेत कई गणमान्य पहुंचे, स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने जीवन संतुलन, संस्कार और विश्वास को रिश्तों की पूंजी बताया।

आगरा। जीओ गीता परिवार की ओर से सूरसदन में दिव्य गीता सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने आध्यात्मिक व्याख्यान देकर शहरवासियों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, विधायक पुरुषोत्तम खण्डेलवाल, गौ सेवा आयोग के सदस्य रमाकांत उपाध्याय, लघु उद्योग निगम लिमिटेड के अध्यक्ष राकेश गर्ग, खेरागढ़ चेयरमैन गुड्डू गर्ग, फुटवेयर व चमड़ा उद्योग परिषद् के चेयरमैन पूरन डावर और पूर्व विधायक महेश गोयल ने दीप प्रज्ज्वलित कर की।
अतिथियों ने स्वामी ज्ञानानंद महाराज का पुष्पमाला से स्वागत किया। महाराज ने मंच से विशिष्ट अतिथियों को गीता प्रेरणा पुस्तक भेंट की। वृंदावन की बेटियां राम्या और वृंदा ने स्वागत गीत पर नृत्य प्रस्तुति दी।
अपने प्रवचन में स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि घर से निकलते समय 2 मिनट की ईश्वर स्तुति करने से कार्य में सफलता मिलती है। उन्होंने गीता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जैसे महाभारत में कृष्ण ने अर्जुन को मार्ग दिखाया, वैसे ही गीता आज की परिस्थितियों में तनाव और दबाव से मुक्ति का मार्ग बताती है।
उन्होंने कहा कि संस्कार रहित बच्चे परिवार से कट जाते हैं और वृद्धाश्रम की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए बच्चों को सनातन संस्कार देना जरूरी है। गीता केवल हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि पूरे मानव समाज के लिए है।
महाराज ने यह भी स्पष्ट किया कि गाय और गंगा की बात करना राजनीति नहीं बल्कि अध्यात्म है। उन्होंने कहा—”प्रेम और सद्भाव हर घर की सबसे बड़ी पूंजी है और विश्वास हर रिश्ते की नींव।”
कार्यक्रम का समापन भजन और आरती से हुआ। संचालन गुरु कृपानंद ने किया। मौके पर मनोज कुमार गुप्ता, महेंद्र बाधवानी, डॉ. लखन त्यागी, डॉ. सोनू दीक्षित, कौशल किशोर शर्मा सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
स्वामी ज्ञानानंद महाराज के संदेश:
गीता से सद्भाव बढ़ाएँ और सावधानी को स्वभाव बनाएँ।
गीता प्रेम का पथ दिखाती है और भेदभाव दूर करती है।
श्रीमद्भगवद गीता भगवान के द्वारा गाया हुआ गीत है।
गीता से बनेगा स्वच्छ और स्वस्थ भारत का सपना।