Bihar news बेतिया के आठ शहिदों को उनके शहादत दिवस पर पुष्प अर्पित

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 24 अगस्त 1942 को पश्चिम चंपारण के बेतिया में झंडा फहराने को लेकर अंग्रेजों द्वारा चलाई गई गोलीबारी में आठ शहीदों में एक लौकरिया के 12 वर्षीय नौजवान शहीद जगन्नाथ पुरी की शहादत दिवस पर उनके लौकरिया स्थित जगन्नाथ पुरी चौक पर स्थापित उनकी प्रतिमा पर आइसा और भाकपा माले ने उन्हें याद कर माल्यार्पण किया।
माल्यार्पण के बाद आइसा जिला अध्यक्ष अभिमन्यु राव ने बताया कि अगस्त माह में गांधी जी के आह्वान पर अंग्रेजी सल्तनत के खिलाफ पुरे भारत में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन जोरों पर था। चंपारण में देशभक्तों ने 24 अगस्त 1942 को विशाल जुलूस निकाल बेतिया में अंग्रेजों के अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय पर तिरंगा फहराने का मन बनाया था। जिले के कोने कोने से जुलूस की शक्ल में लोग बेतिया पहूंच रहे थे। माले नेता सुरेंद्र नाथ ने बताया कि लौकरिया निवासी 12 वर्षीय पांचवें वर्ग के विद्यार्थी जगन्नाथ पुरी जो सुबह से ही अपने संगी साथियों को भारत छोड़ो आंदोलन के जुलूस में शामिल होने के लिए कह रहे थे। लौकरिया के महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू खेंधर राव,रोजा राउत, इंद्रासन राव,विन्देश्वरी राव, रामनारायण सिंह आदि के साथ जुलूस में शामिल हो जगन्नाथ पुरी बेतिया निकल गए। रास्ते में जब कुछ लोगों ने बताया कि जुलूस के दौरान बेतिया में अंग्रेजों द्वारा गोली चलाई जाएगी। इसकी परवाह किए बगैर उन्होंने बताया कि हम अंग्रेजों की गोलियों से ड़रने वाले नहीं हैं। बेल भर के मुड़ी (सिर) ना रही लेकिन देश तो आजाद हो जाएगा। और बेतिया में अंग्रेजों द्वारा चलाई गई गोलीबारी में नन्हे बालक अपने आठ देशभक्तों के साथ शहीद हो गए। आज उनके परिवार में कोई नहीं है। उनके शहादत से हमें साम्राज्यवाद से लड़ने की प्रेरणा मिलती है।
ग्रामीणों ने बताया कि अपने माता पिता के इकलौते संतान जगन्नाथ पुरी में इतने कम उम्र में देशभक्ति की जज्बा कुटकुट कर भरा था। शहादत के बाद क्रान्तिकारियों ने बाबू खेंधर राव के देख देख में उन्हें अपने घर के समीप बगीचे में समाधी दिया। बाद में ग्रामीणों के सहयोग से अप्पू राव के जमीन में 2016 में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई। प्रतिमा का अनावरण विधानसभा के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने किया था।
प्रखंड प्रशासन द्वारा शहीद के प्रतिमा पर 15 अगस्त और 26 जनवरी को सलामी दी जाती है। मौके पर अनुप राव, चन्दन चौधरी,पी एन राव, सोमेन कुमार आदि मौजूद थे।