
भूपेन्द्र सिंह संवाददाता
संभल:हिंदू जागृति मंच ने गुरु गोविंद सिंह के चार साहिब जादों के बलिदान दिवस 28 दिसंबर को बाल बलिदान दिवस के रूप में मना कर चारों साहिब यादों को नमन करके श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मोहल्ला कोट पूर्वी के श्याम विहार कॉलोनी में आयोजित बाल बलिदान दिवस के अवसर पर सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह के चार साहिब जादों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह, फतेह सिंह के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलित कर के माल्यार्पण अरुण कुमार अग्रवाल तथा अजय कुमार शर्मा ने किया।
इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए उपाध्यक्ष विष्णु कुमार ने कहा कि किसी प्रधानमंत्री की जयंती पर बाल दिवस ना मना कर गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चार पुत्रों के अनोखे बलिदान को याद करने के लिए उस बलिदानी परंपरा से प्रेरणा लेने के लिए प्रतिवर्ष 28 दिसंबर को बाल बलिदान दिवस मनाया जाना चाहिए।
अपने संबोधन में सुभाष चंद्र मोंगिया ने कहा कि भारत सरकार को 28 दिसंबर का दिन बाल बलिदान दिवस के रूप में घोषित करके विद्यालयों और कॉलेजों में गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों के बलिदान की गाथा सुनाई जानी चाहिए। छात्रों को बलिदानी परंपरा और सिख परंपरा से अवगत कराते हुए अपने धर्म -समाज और राष्ट्र पर सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा देनी चाहिए।
अरविंद शंकर शुक्ला ने गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चारों पुत्रों को शेर ए दिल बालक कहते हुए दो साहिब जादू को दीवार में जिंदा चुने जाने को तथा धर्म बदलने की जिद के अंधे मुगल शासक की काली करतूतों को याद करके सिख समाज के योगदान की सराहना करते हुए हिंदू समाज की ओर से कृतज्ञता व्यक्त की।
श्याम शरण शर्मा ने गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला तो सुभाष चंद्र शर्मा एवं अतुल कुमार शर्मा ने स्वरचित कविताओं के माध्यम से राष्ट्रधर्म के लिए जीने और मरने वाले गुरु गोविंद सिंह जी के चारों पुत्रों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम का गायन किया गया और देश धर्म समाज के लिए समर्पित रहने का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर नवनीत कुमार, विकास कुमार वर्मा, सुबोध कुमार गुप्ता, विष्णु कुमार, सुभाष चंद्र मोंगिया, अजय गुप्ता सर्राफ, श्याम शरण शर्मा, वैभव कुमार गुप्ता, कमल वीर त्यागी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता नवनीत कुमार ने की तथा संचालन शलभ रस्तोगी ने किया।