मेरठ न्यूज: घरों के सामने खुले नाले मौत को देते निमंत्रण।

संवाददाता: मनीष गुप्ता
पीछे साल लॉक डाउन के दौरान एक महिला इस नाले में गिर गई थी। जिस कारण उस महिला के पैर की हड्डी टूट गई थी। यह नाला 6 फिट गहरा है। महिला को निकलने में बहुत दिक्कत हो गई थी। लेकिन उसको बाहर निकाल लिया था। उपचार के दौरान डॉक्टर ने डेढ़ लाख का खर्चा बताया। फिर उस महिला ने किसी से कुछ उधार लिया। कुछ अपना सामान बेचकर फिर अपना इलाज करवाया। मर मर के जिंदगी जी रहे हैं लोग। कोन दूर करेगा इनकी समस्या। कोन दिलाएगा इन मुसीबतों से इनको निजात। सरकार की तरफ से हर साल शहर की साफ सफाई के लिए विभाग को फंड आता है। तो क्यों विभाग उस फंड का सही तरीके से इस्तेमाल क्यों नहीं करता है। कॉलोनियों और बाजारों के बीच से होकर निकलते यह नाले खुद बया कर रहे हैं की लोग कैसे जीते हैं अपनी जिंदगी। घरों का पानी छोटी छोटी नालियों के द्वारा ही इन बड़े नालों में जाकर गिरता है। जब यह बड़े नाले ही चोक हो जायेगे। तो घरों का पानी कहा जाएगा। नगर निगम इस समस्या को गंभीरता से ले। तो जनता के लिए बहुत सुख दाई होगा। दूसरी और जगह जगह नाले नालियों के ऊपर पत्थर लगाए जाते है। ताकि इनमे कोई गिर ना सके। लेकिन जनता को यह नही पता है कि रास्ते में उनको परेशानी भी हो सकती है। जैसा की अभी आपको बताया कि साफ सफाई के लिए काफी फंड विभाग को दिया जाता है। उसी प्रकार नाले नालियों के ऊपर पत्थर लगाने के लिए विभाग को फंड उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन हम सब देख सकते है। की किस तरह से नाले खुले पड़े हैं। जो दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। लेकिन इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।