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69000 शिक्षक भर्ती: एसटीएफ करेगी आरोपों की जांच, दोषी होंगे डिबार

 

मनोज कुमार राजौरिया । उत्तर प्रदेश में 69,000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती में प्रयागराज पुलिस की ओर से पकड़ी गई गड़बड़ियों की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई है। एसटीएफ संदिग्ध सेंटरों, परीक्षा में शामिल संदिग्ध अभ्यर्थियों व अन्य आरोपों की जांच करेगी। जांच में दोषी पाए गए अभ्यर्थियों को डिबार कर भर्ती प्रकिया से बाहर किया जाएगा।

यह जानकारी बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को लोकभवन में आयोजित प्रेसवार्ता में दी। मंत्री ने भर्ती से लेकर कस्तूरबा विद्यालयों में फर्जी शिक्षिका की नियुक्ति सहित सभी प्रकरणों पर उठ रहे सवालों और विपक्ष के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया। इस दौरान मुख्य सचिव बेसिक रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और डीजी स्कूल विजय किरन आनंद सहित विभागीय अमला भी मौजूद रहा।

मंत्री ने दिया जवाब
69000 भर्ती में फर्जीवाड़े पर द्विवेदी ने कहा कि भर्ती को लेकर राहुल नाम के एक शिकायतकर्ता ने मई में शिकायत की कि फरवरी में किसी ने उनसे भर्ती में चयनित करने वाले के लिए पैसे लिए। जबकि, परीक्षा जनवरी 2019 में हो चुकी थी और परिणाम भी तैयार हो चुका था। कटऑफ को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर उसे बस जारी किया जाना था। इसलिए, ऐसे किसी चयन का सवाल ही नहीं उठता था। इतने दिनों बाद आई शिकायत का भी संज्ञान लेते हुए प्रयागराज पुलिस ने 11 आरोपियों की गिरफ्तारी की।

सेंटर को हमेशा के लिए किया डिबार
द्विवेदी ने आगे बताया कि पूछताछ में पता चला कि चंद्रमा यादव के प्रबंधन में चल रहे पंचम लाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केंद्र पर गलत ढंग से अभ्यर्थियों की मदद की जाती है। पूरे मामले की सघन जांच और दोषियों की पहचान के लिए जांच एसटीएफ को दी गई है क्योंकि, एक परीक्षा केंद्र पर कई जिलों के अभ्यर्थी हो सकते हैं। जांच में प्रमाणित होता है कि गलत ढंग से अभ्यर्थी सफल हुए तो उन्हें भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया जाएगा। अभी की जांच के आधार पर इस सेंटर को हमेशा के लिए डिबार किया जाएगा और प्रबंधक सहित अन्य स्टॉफ के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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