Etawah News: गौशालाओं के बावजूद भी निराश्रित गौवंशों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस कारण उनकी फसलों में काफी नुकसान जिलाधिकारी से इस विकट समस्या से निजात पाने की मांग।

संवाददाता आशीष कुमार
इटावा: जसवंंतनगर शासन द्वारा गौशालाएं बनवाने के बावजूद निराश्रित गौवंश फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। फसलों की बर्बादी से आहत किसान बुरी तरह परेशान हैं। दूसरी तरफ दूध छोड़ देने के बाद गाय पालने वाले उन्हें लगातार छोड़ भी रहे इस कारण यह समस्या लगातार बढ़ रही है।
यहां क्षेत्र की सड़कों और खेतों में घूम रहे निराश्रित गौवंश खेतों में किसान द्वारा कड़ी मेहनत से उगाई गई फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। अपनी फसलों को बचाने के लिए किसान निराश्रित गोवंशों को अपने खेतों से बाहर खदेड़ने के लिए फसलों की रखवाली कर रहे हैं। खेतों में घुस जाने वाले गौवंशों को भगाने के लिए उन पर लाठियों का प्रहार भी करते हैं। घायल गौवंशों के उपचार के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
किसानों का कहना है कि नीलगायों के झुंड पहले ही फसलों को बर्बाद करते आ रहे थे परंतु अब निराश्रित गौवंश भी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। गौशालाएं होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी आवारा गोवंश को गौशाला में भेजने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं उनका कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है। किसानों का कहना है कि अपनी फसलों को बचाने के लिए उनके सामने गौवंश को भगाने के लिए लाठियों का सहारा लेने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है तथा बिना लाठियों के भगाने पर उल्टा आक्रमण कर देते हैं। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। इस कारण उन्हें मजबूरी में निराश्रित गौवंशों पर लाठियों का प्रहार करना पड़ रहा है इससे गौवंश घायल भी हो जाते हैं।
पीड़ित किसानों का कहना है कि जगह-जगह भारी संख्या में खोली गई गौशालाओं के बावजूद भी निराश्रित गौवंशों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस कारण उनकी फसलों में काफी नुकसान हो रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी से इस विकट समस्या से निजात पाने की मांग की है।