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Uttar Pradesh : लखनऊ, कानपुर, वाराणसी समेत यूपी के कई जिलों में नहीं मिलेगी लॉकडाउन से छूट

मनोज कुमार राजौरिया :   लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, आगरा, सहारनपुर समेत कई जिलों में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन में 20 अप्रैल से प्रस्तावित ढील नहीं दी जाएगी। इन जिलों में अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता है।

पूर्व में जो आपदा और राहत से जुड़े दफ्तर काम कर रहे थे वे ही आगे भी खुलेंगे। अन्य कोई भी दफ्तर या प्रतिष्ठान नहीं खोले जाएंगे।

 

सचिवालय और लोक भवन के दफ्तर पूर्व में जारी आदेश के तहत खुले रहेंगे। मनरेगा आदि काम जहां पहले से चल रहा है वहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए काम पूर्ववत चलता रहेगा। जरूरी वस्तुओं की फैक्ट्रियां भी पहले की तरह चलती रहेंगी। इसके साथ ही कई जिलों में 33 फीसदी कर्मचारियों के साथ सरकारी कामकाज के लिए दफ्तर खेलने के निर्देश स्थानीय स्तर पर दिए गए हैं।
गोरखपुर, बांदा, झांसी मंडल के सभी जिलों में लॉकडाउन में ढील देते हुए दफ्तर खोले जाएंगे। वहीं बस्ती मंडल के सिद्धार्थ नगर व संतकबीर नगर में दफ्तर खुलेंगे लेकिन बस्ती में अभी कोई ढील नहीं दी जाएगी। कानपुर मंडल के सभी जिलों में सोमवार से लॉकडाउन में केंद्र सरकार की घोषणा के तहत ढील दी जाएगी लेकिन कानपुर जिले में संक्रमितों की संख्या ज्यादा होने के कारण कोई ढील नहीं दी जाएगी। वाराणसी, विंध्याचल और आजमगढ़ मंडलों के 10 में से आठ जिलों में सोमवार से सरकारी दफ्तर खुल जाएंगे। अन्य क्षेत्रों में मामूली छूट मिलेगी लेकिन वाराणसी और मऊ में पाबंदी रहेगी।
सीएम ने डीएम पर छोड़ा ढील देने का फैसला
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन में सोमवार से प्रस्तावित ढील के संबंध में मुख्यमंत्री योगी

आदित्यनाथ ने रविवार शाम निर्देश दिया कि जिलाधिकारी और जिम्मेदार अफसर अपने यहां की स्थिति देखते हुए ढील देने अथवा न देने का निर्णय खुद करें। इसके बाद विभिन्न जिलों के अफसरों ने अपने यहां कोरोना संक्रमण के ताजा हालात की समीक्षा कर यह निर्णय लिया।
जिला अदालतें भी अभी बंद रहेंगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने 20 अप्रैल से जिला न्यायालयों को खोलने के फैसले को वापस ले लिया है। नए निर्णय के अनुसार जिला न्यायालयों, कामर्शियल कोर्ट, वाहन दुर्घटना दावा अधिकरणों एवं भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास अधिकरणों में अब 27 अप्रैल तक पूर्व की तरह कार्य होगा। इन संस्थाओं में केवल जरूरी मामलों की ही सुनवाई होगी। ये न्यायालय व अधिकरण आम लोगों के लिए बंद रहेंगे। महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव ने सभी जनपद न्यायाधीशों व अधिकरणों के पीठासीन अधिकारियों को नया आदेश जारी कर इसका कड़ाई से पालन करने को कहा है। पहले 20 अप्रैल से जिला न्यायालयों को खोलने का निर्णय लिया गया था।

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