UP ELECTION 2022: बसपा की पहली सूची में सामाजिक समीकरण को साधने का प्रयास

ब्यूरो संवाददाता
लखनऊ: देश के सबसे बड़े सूबों में से एक यूपी में चुनावी रणभेरी बज चुकी है। सात चरणों में होने वाले चुनाव के लिए राजनीतिक दल चुन चुन कर उम्मीदवारों को पेश कर रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों की पहली सूची में सामाजिक समीकरण को साधने का पूरा प्रयास स्पष्ट तौर पर दिख रहा है। पार्टी ने पहले चरण के चुनाव के लिए 53 उम्मीदवारों के नाम जारी किए। पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इन सीटों को जीतने के लिए पार्टी की ओर से विशेष रूप से योजना तैयार की गई है। बसपा की ओर से जारी की गई सूची में अल्पसंख्यक से लेकर ब्राह्मण उम्मीदवारों तक का पूरा ख्याल रखा गया है। पार्टी की ओर से जारी की गई सूची में करीब 17 फीसदी ब्राह्मणों को टिकट दिया गया है।
अल्पसंख्यकों पर सबसे अधिक जोर
मायावती का सबसे अधिक जोर अल्पसंख्यक समुदाय को साधने पर दिख रहा है। इसलिए, वे दलित के बाद अल्पसंख्यकों को साधने में जुटी दिख रही हैं। मायावती अपने पुराने दलित+मुस्लिम+ब्राह्मण वोट बैंक की तरफ जाता हुआ दिख रही हैं। यह 14 मुस्लिम समाज के उम्मीदवारों से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।
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जाट वोट बैंक को भी साधने की कोशिश
यूपी चुनाव में मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट मतदाताओं को साधने का भी पूरा प्रयास किया है। पार्टी की ओर से करीब 19 फीसदी जाट उम्मीदवार उतारे गए हैं। पार्टी ने 10 जाटों को टिकट दिया है। इस इलाके में जाट वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है।