राहत : तीन महीने की एडवांस स्कूल फीस लेने और किराये के शिक्षण संस्थानों को किराया देने पर रोक का आदेश

मनोज कुमार राजौरिया : माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि निजी स्कूल अगले तीन महीनों की फीस एडवांस में ही जमा कराने के लिए अभिभावकों पर दबाव न डालें। प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने जारी आदेश में कहा है कि यदि अभिभावक इसे भी दे पाने में असमर्थ हैं तो स्कूल प्रबंधन इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे।
इससे पहले लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और नोएडा के डीएम ने आदेश दिया था कि वे अप्रैल और मई महीने में फीस नहीं जमा कराएंगे और न ही किसी छात्र का नाम काट सकेंगे। लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने रविवार को आदेश जारी करते हुए कहा था- अगर किसी भी अभिभावक को परेशान किया गया तो प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिसके तहत प्रवंधन की मान्यता रद्द एव मालिक को 2साल की जेल तक हो सकती है।
वहीं, कानपुर के डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने सभी बोर्ड के स्कूल संचालकों को आदेश दिया था कि वे अप्रैल और मई महीने में फीस नहीं जमा कराएंगे और न ही किसी छात्र का नाम काट सकेंगे। आगामी माह की फीस का चार्ट इसी आदेशनुसार तैयार करेंगे। वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा था जून तक कोई भी स्कूल किसी बच्चे की फीस जमा करने के लिए दबाव नहीं बनाएगा। इस अवधि की फीस जुलाई के बाद जमा कराई जा सकती है।
इसी के तहत इटावा डी एम ने भी आदेश जारी करते हुए कहा है कि कोई भी निजी शिक्षण संस्थान/कोचिंग इत्यादि अपने छात्रों से तीन माह मार्च अप्रैल ओर मई तक कि फीस ना ले तथा जिन मकान मालिकों के परिसर में कोई शिक्षण संस्थान/कोचिंग इत्यादि चल रहे है वो भी शिक्षण संस्थानों के मालिकों से शिक्षण संस्थानों का किराया उक्त तीन माह तक ना ले यदि कोई शिक्षण संस्थान और परिसर मालिक फीस/किराया मांगते हुए संज्ञान में आता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी जिसके तहत पचास हजार रुपए जुर्माना और 2 साल तक कि जेल भी हो सकती है।