प्रयागराज में दोबारा बाढ़ की आशंका: अपर जिलाधिकारी ने जारी की एडवाइजरी – जानें क्या करें, क्या न करें
गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर जोर, पीने के पानी व बिजली उपकरणों को लेकर भी दिए महत्वपूर्ण निर्देश

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर प्रयागराज जनपद के 47 राजकीय पशुचिकित्सालयों का खंड विकास अधिकारियों द्वारा 26 अगस्त 2025 को औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण का उद्देश्य पशुचिकित्सालयों की मूलभूत सुविधाओं, स्वच्छता, आपातकालीन सेवाओं, उपकरणों की उपलब्धता एवं अभिलेखों की स्थिति की जांच करना था।
मुख्य बिंदु और पाई गई कमियां:
स्वच्छता और बुनियादी सुविधाएं: कई केंद्रों पर शौचालय खराब या अनुपलब्ध पाए गए, बिजली, पेयजल और फर्नीचर की कमी दर्ज की गई।
आपातकालीन और उपचार सुविधाएं: अधिकांश केंद्रों पर आपातकालीन सेवाओं का अभाव रहा। बीमार और घायल पशुओं को अलग रखने की व्यवस्था नहीं मिली।
उपकरण और दवाओं का भंडारण: शल्य चिकित्सा और डायग्नॉस्टिक उपकरण कई केंद्रों पर उपलब्ध नहीं थे। दवाओं का सुरक्षित भंडारण और सही रिकॉर्ड की कमी पाई गई।
भवन की स्थिति: कुछ केंद्र जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं, कहीं छत से पानी टपक रहा है, तो कुछ केंद्र पंचायत भवन या निर्माणाधीन भवनों में चल रहे हैं।
कर्मचारी और रिकॉर्ड प्रबंधन: कई केंद्रों पर स्टाफ की अनुपस्थिति और अधूरी डायरी/रजिस्टर की स्थिति सामने आई।
विशेष उल्लेख:
बम्हरौली, आनापुर, नानसई, होलागढ़, मऊआइमा, बहरिया, फूलपुर, हंडिया, सैदाबाद, प्रतापपुर, जंघई, लोहारी, धनूपुर, शंकरगढ़, लालापुर, करछना, जसरा, चिल्ला, कांटी आदि केंद्रों में गंभीर खामियां दर्ज की गईं।
धनूपुर में नया भवन बना है, पर विभाग को हैंडओवर नहीं हुआ।
लालापुर में भवन न होने के कारण पंचायत भवन में संचालन हो रहा है।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभागों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई और जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए हैं।