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Prayagraj News: आधुनिक तकनीकों से साकार होगा विकसित भारत 2047 का सपना – प्रो. सत्यकाम

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला – एआई, बायोटेक्नोलॉजी और नवाचार पर गहन चर्चा

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में एआई, बायोटेक्नोलॉजी, रिसर्च तकनीक और नवाचार पर गहन चर्चा

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में विज्ञान विद्याशाखा, नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय एवं शुआट्स, नैनी के संयुक्त तत्वावधान में पाँच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला “रिसेंट एडवांसेज इन रिसर्च टेक्निक: विकसित भारत 2047” का सफल समापन हुआ।

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में एआई, बायोटेक्नोलॉजी, रिसर्च तकनीक और नवाचार पर गहन चर्चा समाचार विवरण प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में विज्ञान विद्याशाखा, नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय एवं शुआट्स, नैनी के संयुक्त तत्वावधान में पाँच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला “रिसेंट एडवांसेज इन रिसर्च टेक्निक: विकसित भारत 2047” का सफल समापन हुआ। कुलपति प्रो. सत्यकाम ने कार्यशाला को ज्ञान-संवाद और युवा शोधकर्ताओं को सक्षम बनाने का मंच बताया। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकें जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग, बायोटेक्नोलॉजी, कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग और अंतर्विषयी दृष्टिकोण शोध की गुणवत्ता और प्रभाव बढ़ाएंगे और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुख्य अतिथि प्रो. उमेश चंद्र, गणित विभाग, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने आधुनिक शोध पद्धतियों और तकनीकों की आवश्यकता पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रिया माथुर, पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जयपुर ने सहयोग और नवीनता के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सी.के. ने किया। ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से 100 से अधिक प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी की।

कुलपति प्रो. सत्यकाम ने कार्यशाला को ज्ञान-संवाद और युवा शोधकर्ताओं को सक्षम बनाने का मंच बताया। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकें जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग, बायोटेक्नोलॉजी, कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग और अंतर्विषयी दृष्टिकोण शोध की गुणवत्ता और प्रभाव बढ़ाएंगे और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

मुख्य अतिथि प्रो. उमेश चंद्र, गणित विभाग, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने आधुनिक शोध पद्धतियों और तकनीकों की आवश्यकता पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रिया माथुर, पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जयपुर ने सहयोग और नवीनता के महत्व को रेखांकित किया।

कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सी.के. ने किया। ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से 100 से अधिक प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी की।

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