प्रतापगढ़ न्यूज : डाला छठ… उदयाचल गामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए कमलेश्वर नाथ धाम रामघाट जामताली सई नदी के पावन तट पर उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला

ब्यूरो रिपोर्ट आशुतोष तिवारी प्रतापगढ़
लालिमा बिखेर रहे उर्जा से लवरेज भगवान भास्कर को व्रती महिलाओं ने अर्घ्य देकर उनकी उपासना की दोनों हाथ जोड़कर जीवन को सुख सौभाग्य के प्रकाश से सदा सर्वदा प्रकाशित रखने की कामना की।बृहस्पतिवार को सुबह रानीगंज क्षेत्र के कमलेश्वर नाथ धाम रामघाट जामताली के सई नदी के पावन तट पर यह दृश्य सबको आकर्षित करने वाला था।
अवसर था छठ पूजा के महापर्व का महिलाओं ने छठ मैया की पूजा करके मंगल होने का आशीष मांगा। छठ पूजन के लिए भारी संख्या में महिलाएं और पुरुष अपने परिजनों के साथ शुक्रवार की भोर से ही वहां जमा रहे डाला है
यानी पूजा सामग्री जैसे सजी डलिया में सुथनी,पांन,साबुन, सुपारी, सहद, कुमकुम,चंदन,अगरबत्ती, दूध, जल, गन्ना, नारियल, फल, चावल,सिंदूर, मिष्ठान,दीपक आदि लेकर वह पहले ढलते सूरज को अर्घ दिया, और रात भर भजन-कीर्तन का दौर चलता रहा।
छठ मैया को खुश करने के लिए व्रती महिलाओं ने भोर में पाव फटने के पहले ही महिलाएं नदी में कमर भर पानी में खड़ी हो गई छठ मैया सूर्य देव को खुश करने के लिए एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए जिसमें हाली हाली उग हे सूरज देव सुनि ल अरज हमार….भोर में सर्दी का भी असर था कोहरा व धुंध की झीनी चादर भी तनी थी। लेकिन ठंडा पानी भी उनकी भक्ति व आस्था के आगे बेअसर हो गया। जगत को आलोकित करने आ रहे सूर्य देव को गन्ने व जल के रूप में रख दिया। शुक्रवार को छठ पूजा का अंतिम दिन था उगते सूरज को अर्घ देने के बाद घर जाकर जलपान कर चार दिवसीय व्रत का पारण किया इस दौरान छठ मैया के पूजन अर्चन और जयकारे से जामताली भक्ति मय
हो गया।