मेरठ न्यूज: शहर में जंबो किट की सुविधा ना होने के कारण मरीजों को हो रही परेशानी।

संवाददाता: मनीष गुप्ता
मेरठ शहर में डेंगू को लेकर प्रशासन पहले ही अलर्ट हो गया था। जिलाधिकारी जी की तरफ से बहुत जगह पर तो खुद जिलाधिकारी के बाला जी ने जाकर उन जगह का निरीक्षण किया था। जहा डेंगू के मरीज निकल थे। जिलाधिकारी जी ने आदेश भी जारी किया था की सभी लोग अपने घरों से कूलर हटाना शुरू कर दे। या उनको पूरी तरह से साफ सुथरा रखे। ताकि उनमें मच्छर पैदा ना हो। इसके लिए उन्होंने कई लोगो को नोटिस भी जारी किया था।
अब बात करते हैं हॉस्पिटल की। मेरठ शहर के अंदर लोकल के साथ साथ बाहर के मरीज भी इलाज के लिए आ रहे हैं। जिनको डेंगू की शिकायत है। और वो हॉस्पिटल में एडमिट हो रहे है। डेंगू में मरीज की प्लेट लेट्स एक दम कम होनी शुरू हो जाती है। परिवार वाले खून देने वाले व्यक्तियों का इंतजाम तो कर लेते हैं। परंतु उनके खून से जंबो किट बनाने के लिए हॉस्पिटल वाले हाथ खड़े कर देते हैं। ऐसी ही एक समस्या मेरठ के नुटीमा हॉस्पिटल में उत्पन हुई। एक मरीज कुछ दिन पहले हॉस्पिटल में एडमिट हुआ। उनको खून की जरूरत पड़ रही थी। इसकी सूचना राष्ट्रीय गौ सेवा संघ की जिलाध्यक्ष तान्या वर्मा जी को मिली। उन्होंने बिना देरी किए शहर की कई एनजीओ और जनवाद टाइम्स न्यूज चैनल मेरठ के संवाददाता की मदद से खून की बहुत जरूरत है। इमरजेंसी में इस मेसेज को सभी ग्रुप में और फेसबुक पर अपलोड किया। जैसे ही मेसेज अपलोड हुआ। इसके आधे घंटे के बाद ही खून देने वालो का तान्या जी के पास कॉल आना शुरू हो गया। और बाकी एनजीओ वालो को भी कॉन्टैक्ट किया गया। लेकिन आज उस मरीज को जंबो किट की आवश्यकता पड़ी तो मेरठ के हॉस्पिटल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई। बिना देर किए तान्या वर्मा जी ने गाजियाबाद के ब्लड बैंक में बात की और तुरंत जंबो किट के निकल पड़ी। और किट का इंतजाम करके। तुरंत वहा से वापसी निकल पड़ी। ताकि उस मरीज को किसी भी प्रकार से कोई परेशानी ना हो। तान्या वर्मा जी कोई बहुत बड़ी समाज सेविका या कोई बहुत बड़ी उम्र दराज नही है। मात्र 18 या 20 साल की एक छोटी सी बच्ची है। लेकिन समाज के जो कार्य वो कर रही गई। शायद कोई बड़ा भी नहीं कर सकता है। जो लोगो की जान बचाने के लिए और पशुओं की जान बचाने के लिए भी आधी रात को तैयार रहती है। ऐसी छोटी बच्ची को आओ हम सब मिलकर सलाम करते हैं।