लखनऊ: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यूपीआरआरडीए पुस्तिका का किया विमोचन, एफडीआर तकनीक बनी विकास का आधार
ग्राम्य सड़कों में एफडीआर व ग्रीन टेक्नोलॉजी से कम लागत पर टिकाऊ सड़कें, यूपी मॉडल को अन्य राज्यों ने भी अपनाया

रिपोर्ट: विजय कुमार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ग्रामीण सड़कों का उन्नयन राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत उत्तर प्रदेश हमेशा अग्रणी भूमिका में रहा है और अब Full Depth Reclamation (FDR) तकनीक ग्रामीण सड़कों के निर्माण में वरदान साबित हो रही है।
उन्होंने शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आईआरसी व यूपीआरआरडीए (ग्राम्य विकास विभाग) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार “सड़क निर्माण में एफडीआर तकनीक व ग्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग” का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग और यूपीआरआरडीए की पुस्तिका का विमोचन भी किया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एफडीआर तकनीक से बनी सड़कें टिकाऊ होने के साथ पर्यावरण हितैषी हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक लगभग 5200 किमी सड़कें एफडीआर तकनीक से बन चुकी हैं, जिससे 20% लागत की बचत हुई है। इससे अब तक 90 लाख घनमीटर गिट्टी और 700 लाख लीटर डीजल की बचत हुई है। साथ ही, कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कमी आई है।
श्री मौर्य ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2000 में पीएमजीएसवाई की शुरुआत की थी और आज यह योजना ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल रही है। यूपी का एफडीआर मॉडल अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है।
सेमिनार में आईआरसी अध्यक्ष मनोरंजन परीडा, महासचिव राहुल गुप्ता, ग्रामीण विकास मंत्रालय के डीजी अमित शुक्ला, आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग जी.एस. प्रियदर्शी और यूपीआरआरडीए के सीईओ अखंड प्रताप सिंह सहित विभिन्न विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के विकास का सपना समय से पहले पूरा हो सकता है यदि सभी लोग आत्मनिर्भरता और स्थानीय संसाधनों के अधिकतम उपयोग का संकल्प लें।