Breaking Newsउतरप्रदेशलखनऊ

Lucknow News:गो आधारित प्राकृतिक खेती में ही है सभी समस्या का समाधानः श्याम बिहारी गुप्त

रिपोर्ट विजय कुमार

उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग और मॉडल बायोगैस समूह के संयुक्त तत्वाधान में गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्याम बिहारी गुप्त जी की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय “एक किसान एक गाय अभियान” और “गो आधारित प्राकृतिक खेती- प्राकृतिक खेती आधारित कुटीर उद्योग” था।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. कमल टावरी (पूर्व IAS, पूर्व सचिव, भारत सरकार), श्री निरंजन गुरु जी (कुलपति, पंचगव्य विद्यापीठम विश्वविद्यालय, चेन्नई), और श्री पी. एस. ओझा (पूर्व सलाहकार, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश, एवं पूर्व मेम्बर, उत्तर प्रदेश बायोएनर्जी डेवलपमेंट बोर्ड) ने अपने विचार प्रस्तुत किये।

गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्याम बिहारी गुप्त जी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि अगर हर किसान एक गाय को गोद ले लें तो उत्तर प्रदेश में गोवंशों की समस्या का समाधान हो जाएगा। गोवंश आधारित प्राकृतिक खेती न केवल मिट्टी के बायो मास को बढ़ा कर कृषि भूमि को सुधारने में मदद करेगी बल्कि यह साथ ही साथ ग्रामीण क्षेत्रों में गोपालन से जुड़े अन्य कुटीर उद्योगों को भी बढ़ावा भी देगी। गोवंश आधारित प्राकृतिक खेती न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार लायेगी बल्कि यह हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योग को भी प्रोत्साहित कर किसान एवं गोपालकों की जीविकोपार्जन का नया अध्याय भी जोड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि प्राकृतिक खेती द्वारा हम अपने समाज को रसायन मुक्त भोजन भी उपलब्ध करवा सकेंगे जिससे न केवल किसानों का कल्याण होगा, अपितु समग्र समाज को स्वस्थ और सुरक्षित आहार मिलेगा।

डॉ. कमल टावरी ने गोशालाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि गोशालाओं को तब तक आत्मनिर्भर नहीं बनाया जा सकता जब तक गोवंश से उन्हें आर्थिक लाभ नहीं
प्राप्त होगा। गोशालाओं को अनुदान पर आश्रित रखने के बजाय हमें उन्हें एक ठोस बिजनेस मॉडल के तहत चलाने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें गोशालाओं को एक स्वावलंबी इकाई के रूप में विकसित करना होगा, जिससे वे गोवंश से प्राप्त उत्पादों जैसे दूध, गोबर, गोमूत्र एवं अन्य पंचगव्य उत्पादों से भी आर्थिक लाभ कमा सकें। डॉ. टावरी ने कहा कि जब तक गोशालाओं में आर्थिक स्वावलंबन नहीं होगा, तब तक वे अनुदान पर निर्भर रहेंगी। इस समस्या को हल करने के लिए हमें एक उपयुक्त बिजनेस मॉडल जल्द से जल्द प्रदेश में लागू करना होगा, जो गोशालाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बना सके।

श्री निरंजन गुरु जी, कुलपति, पंचगव्य विद्यापीठम विश्वविद्यालय, चेन्नई ने पंचगव्य औषधियों के महत्व और उनकी चिकित्सा के लाभों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि पंचगव्य चिकित्सा भविष्य की आवश्यकता है। वर्तमान में पंचगव्य औषधियों को आयुष विभाग से जोड़ने की आवश्यकता है। यह एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जो प्राकृतिक और शुद्ध तरीके से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य प्रदेश की गोशालाओं को स्वावलंबी बनाना है, जिससे गोवंश से प्राप्त पंचगव्य उत्पादों से औषधियाँ तैयार कर जनमानस का स्वास्थ्य सुधारा जा सके। पंचगव्य औषधियों को आयुष विभाग से जोड़ने हेतु उन्होंने प्रदेश के संबंधित मंत्रालयों एवं विभागों के साथ जल्द से जल्द बैठक की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक और शुद्ध तरीके से स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके विश्वविद्यालय से प्रशिक्षित पंचगव्य डॉक्टर्स (पंचगव्य सिद्ध) इस कार्य को फील्ड में करेंगे, जिससे प्रदेश भर की गोशालाओं में पंचगव्य औषधियों के उत्पादन एवं वहीं पर पंचगव्य चिकित्सालय खोलने में मदद मिलगी।Lucknow News: Cow based natural farming is the solution to all problems: Shyam Bihari Gupta

श्री पी. एस. ओझा, जो बायोगैस प्लांट स्थापित करने के विशेषज्ञ हैं, ने बायोगैस प्रौद्योगिकी और उसके कृषि एवं पर्यावरणीय लाभों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बायोगैस प्लांट केवल गोवंश से उत्पन्न अवशेषों का उपयोग करने का एक तरीका नहीं है, बल्कि यह किसानों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही, गोवंश से प्राप्त अवशेषों से जैविक खाद का उत्पादन किया जा सकता
है, जो प्राकृतिक खेती के लिए अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने बायोगैस प्रौद्योगिकी और उसके कृषि एवं पर्यावरणीय लाभों के बारे में विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही गोवंश से प्राप्त अवशेषों से जैविक खाद का उत्पादन किया जा सकता है, जो प्राकृतिक खेती के लिए अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने यह भी बताया कि बायोगैस प्रौद्योगिकी से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह एक स्थिर और दीर्घकालिक समाधान है।Lucknow News: Cow based natural farming is the solution to all problems: Shyam Bihari Gupta

इस संगोष्ठी का आयोजन गोवंश की महत्ता, प्राकृतिक खेती और पंचगव्य उत्पादों के लाभों को समाज में फैलाने के उद्देश्य से किया गया था। आयोजन में कृषि और पर्यावरण प्रेमियों सहित समाज के विभिन्न वर्गों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

Related Articles

Back to top button
जनवाद टाइम्स