आगरा के बाह में प्राइमरी स्कूल में मासूम बच्चों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़ जिम्मेदार सो रहे कुंभकरण की नींद

संवाददाता रनवीर सिंह की रिपोर्ट
मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान पर अब तक हजारों करोड़ों रुपए खर्च हो चुका है, कई गांव, शहर, कई स्टेट अपने आप को ओडीएफ घोषित कर चुके हैं, स्वच्छता के मामले में कई अवार्ड भी शहरों ने जीते हैं वही बात करें आगरा की तो आगरा की बाह के ग्राम नई बस्ती बिजौली में छोटे-छोटे मासूम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है ।
आपको बता दें ग्राम नई बस्ती बिजौली में प्राइमरी स्कूल के परिसर में 3 पानी के टैंक लगे हुए है। और किसी में भी ढक्कन नहीं लगा हुआ है। स्कूल में गन्दगी आप फोटो में देख ही सकते हों, इन पानी के टैंक में बंदर भी नहा लेते है। इन पानी के टैंक में बारिश का भी पानी भर जाता हैं।
इस पानी को हर रोज बच्चे मिडडे मील खाने के बाद पीते है। बच्चे इस पानी को पीने से किसी बड़ी बीमारी का भी शिकार हो सकते है, स्कूल के अंदर साफ सफाई के लिए भी कोई कर्मचारी नहीं हैं ।
सरकारी योजनाओं में से एक योजना का स्लोगन है पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया लेकिन अगर हम यह कहें कि यह सिर्फ कागजी जुमला है जुमला जिसको की संसद में अब संसदीय शब्द के तौर पर परिभाषित कर दिया गया है।
हम उसी जुमले की बात कर रहे हैं हमारे आपके मासूम बच्चे स्कूल पढ़ने जाते हैं ,लेकिन बच्चों को खुद ही गन्दगी होने पर झाड़ू हाथ में उठाकर, विद्यालय की सफाई करनी पड़ती है। गंदगी भरे पानी में कीट पतंगे डेंगू मलेरिया के मच्छर आसानी से उड़ते हुए नजर आ सकते हैं ।
यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि मासूम बच्चों को अगर इस तरह के कीट, पतंगे, मच्छर काट ले तो होने वाली बीमारी के लिए आखिरकार जिम्मेदार कौन होगा, क्यों शासन-प्रशासन की आंख नहीं खुल रही, जबकि बच्चे खुद ही झाड़ू लगाते नजर आते है और कूड़ा फेक कर आतें हैं।