Karnataka News: सीएए और एनआरसी के खिलाफ नाटक का मंचन करने वाले स्कूल, शिक्षक और नाटक में भाग लेने वाली बच्ची की मां के खिलाफ दर्ज देशद्रोह का मामला रद्द करने की मांग हुई ख़ारिज

संवाददाता: मनोज प्रभू
बीदर/कर्नाटक: सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना की याचिका में इस क़ानून के दुरुपयोग से निपटने के लिए मैकेनिज्म बनाए की मांग भी की गयी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मंजूरी का अधिकार एक कमेटी को दिया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को कहा कि वह इस मामले में प्रभावित पक्ष नहीं है। न्यायमूर्ति खानविलकर ने याचिकाकर्ता की और से याचिका दायर करने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘प्रभावित पक्ष को आने दीजिए।’दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कर्नाटक के बीदर में छात्रों को नाटक करने की कथित तौर पर अनुमति देने के लिए एक स्थानीय स्कूल के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
इस नाटक में कथित रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खराब छवि पेश की गई थी। 26 जनवरी को शाहीन स्कूल के प्रबंधन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) और 153 (ए) के तहत ‘विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए’ भी मामला दर्ज किया गया।