इटावा शिशु चिकित्सालय में निमोनिया एवं दिमागी बुखार से बचाब हेतु PCB टीकाकरण की शुरुआत

गुलशन कुमार इटावा । बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए प्रदेश में करीब सात फीसदी नौनिहालों की निमोनिया (न्यूमोकोकस बैक्टिरिया) की चपेट में आने से मृत्यु हो जाती है। बच्चों को घातक बीमारी से बचाकर मृत्यु दर शून्य करने के लिए न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीनेशन (पीसीवी) लगेगी।
यह काफी महंगी वैक्सीन है, जिसके कारण गरीब तबका इलाज का खर्च तक नहीं उठा पाता है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में पीसीवी की एवज में 3800 रुपए तक शुल्क लिया जाता है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में यह नि:शुल्क उपलब्ध होगी। हालांकि अब यह जिले के बच्चा अस्पताल में 9 माह से लेकर 5 साल तक के बच्चों को वैक्सीनेशन लगानी शुरू कर दी है।
योजना के तहत छह माह से एक साल तक के बच्चों का टीकाकरण होगा। जिले में सालाना करीब 35 से 38 हजार बच्चे जन्म लेते हैं। अभी आयु वर्ग के अंतर्गत 20 हजार बच्चों का टीकाकरण होगा। सरकार की शर्त अनुसार जिन्हें पांच बीमारियों से बचाने वाली पेंटा वन वैक्सीन लगी है, उन बच्चों को उक्त टीका नहीं लगेगा। अगर किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में पेंटा वन का टीका लगवाया है तब भी पीसीवी नहीं लगवा पाएंगे। इस अवसर पर विधायक सरिता भदौरिया के साथ, CMO इटावा , संबंधित डॉक्टर , ANM एवं आशा बहू भी उपस्थित रही ।
इस आयु वर्ग में लगेगा टीका
• 06 सप्ताह का बच्चा होने पर पोलियो का टीका व ड्राॅप, पेंटा 1 और प्राइमरी पीसीवी 1 का टीका लगेगा।
• 09 सप्ताह का बच्चा होने पर मीजल्स 1, जेई 1, विटामिन ए और बूस्टर पीसीवी 3 का टीका लगेगा।
• 14 सप्ताह के बच्चे को पोलियो का टीका व ड्राॅप, पेंटा 3 और प्राइमरी पीसीवी 2 का टीका लगेगा।
◆ ये हैं निमोनिया के लक्षण
निमोनिया एवं डायरिया छोटे बच्चों में मृत्यु का मुख्य कारण है। न्यूमोकोकस बैक्टरिया की वजह से रोग की चपेट में बच्चे आते हैं। खून का इंफेक्शन, दिमागी बुखार, कान का इंफेक्शन इत्यादि दिक्कत होती है। यह संक्रमित रोग है, जोकि छींकने व खांसने पर तेजी से फैलता है। 2 साल से कम उम्र के बच्चों और वृद्धों पर निमोनिया का ज्यादा असर होता है।