इंदिरा गांधी पुण्यतिथि : विश्व राजनीति की लौह महिला इन्दिरा गांधी
लेखक: श्री चंद्रशेखर आजाद
आज ही के दिन 1984 में, खुद के ही सिख सुरक्षाकर्मियों के द्वारा प्रधानमंत्री इंद्रा गाँधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।सिखों का आरोप था कि इंद्रा ने”ऑपरेशन ब्लू स्टार” के द्वारा सिखों के धार्मिक मामलों में बेअदबी की थी। इससे पहले के इंद्रा गाँधी के जीवन को देखें तो सबसे पहले तो उन्हें एक महान व्यक्ति,”पिता” के रूप में प्राप्त हुआ था। अकेले उनकी नॉलेज को बढ़ाने के लिए”डिस्कवरी ऑफ इंडिया”जैसी किताब लिखी गई।
अपनी मर्जी से एक पारसी व्यक्ति और स्वतंत्रता सेनानी से विवाह किया. जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री बनाया गया लेकिन ताशकंद समझौते के तुरंत बाद रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु के बाद इंद्रागाँधी जी के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो गया। 1970 से ही भारत पाकिस्तान के मध्य एक संभावित युद्ध के प्रबल संकेत मिलने लगे थे.
इंद्रा गाँधी मित्रता संधि करने रूस गईं और उसके बाद हुए युद्ध में पाकिस्तान को आत्म समर्पण करने के लिए बाध्य कर दिया गया. यहाँ से उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में अद्वितीय पहचान मिल गई। अतिउत्साह और व्यक्तिगत राजनीति को साधने के लिए उन्होंने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी.जनता ने अगले चुनावों में उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया। लेकिन विकल्प के आभाव में पुनः 1980 में सत्ता दे दी। अंत में सत्ता की हनक और सैनिक गुरूर ने 1984 में उनकी जान ले ली। रोमांचक जीवन जीने वाली इंद्रा गाँधी जी को नमन।
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