Bihar News: उर्वरक विक्रय में अनियमितता पर मे0 गौरीशंकर खाद भंडार, झझरी मैनाटांड़ के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज
पश्चिम चंपारण में किसानों के आक्रोश के बीच प्रशासन की सख्ती, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी पर होगी सख्त कार्रवाई

संवाददाता – मोहन सिंह
बेतिया/पश्चिम चंपारण। किसानों को उर्वरकों की निर्बाध और पारदर्शी आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा उन्हें किसी भी तरह की कठिनाई से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि उर्वरकों की बिक्री में कालाबाजारी, जमाखोरी या मनमाने मूल्य वसूली को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे कार्यों में शामिल व्यक्ति चाहे उर्वरक विक्रेता हों या सरकारी अधिकारी-कर्मी, किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।
इसी क्रम में मैनाटांड़ प्रखंड के झझरी गांव स्थित मे0 गौरीशंकर खाद भंडार पर उर्वरक विक्रय में अनियमितता पाई गई। प्रतिष्ठान के प्रोपराइटर हरेन्द्र राम (पिता – गौरीशंकर राम) के विरुद्ध इनरवा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
किसानों का आक्रोश और सड़क जाम
17 अगस्त को झझरी गांव में लगभग 200 किसानों ने उर्वरक की कालाबाजारी से नाराज होकर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। किसानों ने नहर चौक पर टायर जलाकर विरोध जताया। सूचना मिलते ही जिला पदाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल घटनास्थल पर भेजा और दोषियों पर कार्रवाई का आदेश दिया।
जांच में उजागर हुई गड़बड़ी
अंचलाधिकारी, प्रशिक्षु प्रखंड कृषि पदाधिकारी और नोडल कृषि समन्वयक-सह-उर्वरक निरीक्षक की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। किसानों ने आरोप लगाया कि खाद भंडार द्वारा 16 अगस्त को देर रात तक निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर खाद बेचा गया।
भंडार पंजी की जांच में पाया गया कि 09 अगस्त को थोक विक्रेता कमला कृषि केन्द्र, बेतिया से 100 बोरी यूरिया प्राप्त हुआ, लेकिन वितरण पंजी में तिथि और मेमो संख्या दर्ज नहीं थी। साथ ही दुकान पर बोर्ड और मूल्य तालिका भी प्रदर्शित नहीं किए गए थे। जांच में यह भी सामने आया कि खाद विक्रेता ने कालाबाजारी और मुनाफाखोरी की नियत से ऐसा कृत्य किया।
डीएम का सख्त संदेश
जिला पदाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराने में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कालाबाजारी या जमाखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता उर्वरकों की बिक्री में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। जो भी व्यक्ति या संस्था किसानों के हितों से खिलवाड़ करेगी, उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।