Etawah News : राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत बच्चों और माँ में कुपोषण को दूर करने के लिए उपाय बताए
दिलीप कुमार इटावा : उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा संचालित समूहों की महिलाओं ने गुरुवार को राष्ट्रीय पोषण माह अंर्तगत जागरूकता रैली निकाली। गर्भवती महिलाओं का गोदभराई और छः माह के बच्चों को अन्नप्राशन कराया गया। मौके पर समूह की महिलाएं और छोटे छोटे बच्चे मौजूद रहें। महिला ग्राम संगठन की सदस्यों ने गोदभराई और अन्नप्राशन कराया।
श्रुति सिंह जिलाधिकारी के निर्देशन में राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत कुपोषण को दूर करने की दृष्टि से एक बहू-विभागीय अभिसरण मिशन चलाया जा रहा है। वर्ष 2022 तक लक्षित दृष्टिकोण के साथ कुपोषण, जन्म के समय कम वजन और एनीमिया को कम करने के उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु पोषण अभियान जनपद इटावा में संचालित किया जा रहा है। महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा पोषण अभियान को जन भागीदारी यानी जन आंदोलन बनाने की कल्पना की गई है। इसी उद्देश्य के साथ जनपद इटावा में पोषण माह अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर सही पोषण देश रोशन का संदेश जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ. राजा गणपति आर. मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री की समूह की बैठक में प्रतिभागिता सुनिश्चित करते हुए पोषण वाटिका व कुपोषित बच्चों की देखभाल पर विशेष चर्चा की जा रही है। एनीमिया की रोकथाम हेतु स्कूल ना जाने वाली किशोरियों को नीली आयरन की गोलियों का वितरण एवं स्वास्थ्य-पोषण देखभाल का परामर्श भी दिया जा रहा है।
बृजमोहन अंबेड उपायुक्त स्वरोजगार ने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान 6 से 8 माह तक के बच्चों में स्तनपान एवं ऊपरी आहार का प्रोत्साहन, किशोरियों को एनीमिया व खान-पान के प्रति जागरूक करने का अभियान चलाया जा रहा है। मीना दिवस स्वस्थ्य और स्वच्छ जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं। लिंग भेद मिटाकर समान अवसर उपलब्ध कराती है। इसमें आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता और समूह की महिलाओ ने हर्षोल्लास के साथ भाग लिया।
नन्दकिशोर साह जिला मिशन प्रबंधक एसएम सीबी ने कहा कि हिन्दू परंपरा में गर्भावस्था के सातवें माह में गोद भराई की रस्म करने का विधान है। गोद भराई की यह रस्म बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य की कामना के लिए की जाती है। इस दिन होने वाली एक विशेष पूजा से गर्भ के दोष समाप्त होते हैं। परिवार के बुजुर्ग, स्त्री और उसके होने वाले बच्चे को आशीर्वाद देते हैं। रस्म के दौरान गर्भवती स्त्री की गोद में फल और सूखे मेवे भरे जाते हैं। ये खाद्य पदार्थ पौष्टिक होते हैं, जिनका सेवन गर्भवती स्त्री करती है। इन सब खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बच्चे की सेहत अच्छी रहती है।
बीएमएम शशिलता दशरथ सिंह प्रवीण कुमार सत्यजीत सिंह धर्मेंद्र कुमार मनीष सिंह रीनू केके चौधरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। महिलाओं में अजुली आरती शाक्य रचना पुष्पा अन्नपूर्णा रानी सुधा अनिता ,अर्चना, प्रभा, पिंकी, लता, रीता मधुवाला सुनीता यादव आदि ने सराहनीय कार्य किया।