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Etawah News: चार बच्चों का पालन पोषण कर रहे वृद्ध दंपत्ति ने सरकारी मदद की गुहार लगाई

संवाददाता: मनोज कुमार

जसवंतनगर/इटावा: इन बच्चों के पिता की मृत्यु डेढ़ साल पहले एक हादसे में हुई थी जिसके बाद मां ने कुछ महीने पहले दूसरी जगह शादी रचा कर बच्चों को रोते बिलखते छोड़ दिया है।
पीड़ित वृद्ध दंपत्ति 65 वर्षीय आशा देवी पत्नी 67 वर्षीय मुन्नीलाल निजामपुर गांव के निवासी हैं इनके घर में होने वाले हादसों ने इनके परिवार को बड़ी मुसीबत में डाल रखा है। तीन जवान बेटों की मौत का दर्द झेलने वाली आशा देवी को एलर्जी है शरीर पर फफोले हैं। वह धूप में काम नहीं कर सकती हैं जबकि उनके पति मुन्नीलाल को पूरे शरीर में फालिस मार गया है अब वो लाठी के सहारे चलते हैं। इनका कहना है कि इनके एक 20 वर्षीय बेटे की 12 साल पहले टीबी की बीमारी से मौत हुई थी जबकि 6 साल पहले 17 वर्षीय बेटे की एक रेल दुर्घटना में मौत हो गई थी। अब एक बेटा 29 वर्षीय यतेंद्र कुमार जो पिछले डेढ़ साल पहले छत से गिर गया था सिर का पिछला हिस्सा फट जाने के कारण इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। तीन जवान बेटों का इस दुनिया से चले जाना वैसे ही परिवार पर एक कहर बनकर टूटा था इधर यतेंद्र की पत्नी 9 साल की उम्र तक के 4 बच्चों को छोड़कर कुछ महीने पहले एटा जिले में शादी रचा कर चली गई। अब बेसहारा बच्चों के लिए सिर्फ यह दादा दादी वृद्ध दंपत्ति ही इनके लिए सब कुछ हैं। सबसे बड़ी बेटी शीतल जो अब 9 साल की होगी कक्षा दो में अपने 7 वर्षीय छोटे भाई गुलशन के साथ स्कूल में जाती थी। पढ़ाई खर्चे की व्यवस्था बच्चों के एक रिश्तेदार ने कर रखी है जबकि 6 साल की तनु कुमारी और 5 साल की महक दोनों अभी तक स्कूल नहीं गए। यह चारों बच्चे अपने पिता की मौत को तो कुछ कुछ भुला चुके थे लेकिन अभी तक साथ देने वाली मां को याद कर सुबकने लगते हैं।
वृद्ध गरीब दंपत्ति ने बताया कि उनके पास कम उपजाऊ कुछ जमीन है जिससे गेहूं बाजरे की फसल होने के बाद वह अपने एकमात्र 20 वर्षीय बेटे पंकज की मेहनत से गुजर बसर कर रहे हैं। जानकारी होने पर समाजसेवी प्रेम कुमार शाक्य ने पहुंच कर उनके दुख दर्द को सुना और जिला बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता से बात की तो उन्होंने कहा कि संभव सरकारी मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

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