Etawah News: समाज के सभी वर्गों के व्यक्तियों के लिए न्याय समान हो : नूहिंन जैदी

संवाददाता विकास यादव
जसवंंतनगर/इटावा: सैफई तहसील सभागार में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कोविड 19 महामारी के दौरान महिलाओं एवं बच्चों के प्रति बढ़ती हिंसा विषय पर किया गया। उक्त शिविर की अध्यक्षता प्राधिकरण की सचिव नूहिन ज़ैदी द्वारा करते हुए कहा गया कि भारतीय संविधान द्वारा समस्त नागरिकों को प्रदत्त मूल अधिकारों की सुनिश्चितता का दायित्व नीति निदेशक तत्वों के अन्तर्गत राज्य का है जिसके अनुसार न्याय तक सभी की पहुँच संभव बनाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 पारित किया गया। इसके तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई। उक्त संस्थाओं का उद्देश्य धारा 12 में दिये गये प्रावधान के अनुसार, समाज के कमज़ोर वर्गों, जैसे, महिलाओं, बच्चों, वृद्धों, आदि के लिए निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराना है। इसी क्रम में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाता है। उनके द्वारा कोरोना महामारी के दौरान महिलाओं व बच्चों के प्रति बढ़ रही हिंसा का कारण सामाजिक व आर्थिक स्थिति में हुई परिस्थितियों को बताया। कोरोना महामारी के दौरान लोगों के रोजगार छिन गये, नौकरी चली गई, व्यापार बंद होने का प्रभाव महिलाओं व बच्चों के साथ हिंसा के रूप में देखा गया। इस दौरान तलाक़ के मामले भी काफी बढे़ जिसका कारण आर्थिक असुरक्षा एवं सहनशीलता में कमी पायी गयी। उनके द्वारा लोगों से अपनी सोच में परिवर्तन लाने और स्वयं में सुधार की अपेक्षा की गई तभी समाज में बदलाव आ सकता है।
उप ज़िलाधिकारी हेम सिंह द्वारा लोगों के कानून की सामान्य जानकारी रखते हुए अपने अधिकारों के सही प्रयोग, अपने स्तर पर करने की अपील करते हुए कहा गया कि कानून की जानकारी का अभाव दंड से बचाव नहीं है। उन्होंने बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श की जानकारी देने पर बल दिया। कायर्क्रम में तहसीलदार एवं सीओ सैफई द्वारा भी अपने विचार वयक्त किये गए। संचालन तहसीलदार सैफई द्वारा किया गया। कायर्क्रम का आयोजन कोरोना महामारी के लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुपालन में किया गया। अवधेश कुमार सहित अन्य जन सामान्य उपस्थित रहे।



