Etawah News: सरकारी अस्पताल बने रेफर सेंटर, प्रशासन की मिली भगत से झोला छापो की चांदी

व्यूरो संवाददाता
इटावा: जनपद के सरकारी अस्पतालों का हाल ये है कि ये अस्पताल डेंगू के मरीजों का इलाज भी नहीं कर पा रहे हैं। अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए ये अस्पताल डेंगू के मरीजों को हाईयर/ट्रामा सेंटर रेफर कर रहे हैं, जिससे पूरे प्रदेश के गंभीर रोगियों का इलाज करने वाले हाईयर/ट्रामा सेंटर पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। हाईयर/ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों का कहना है कि हाईयर/ट्रामा सेंटर गंभीर मरीजों के इलाज के लिए है। अस्पतालों में डेंगू जैसी बीमारियों के इलाज के लिए सारे संसाधन उपलब्ध हैं। इसके बावजूद डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए यहाँ रेफर कर रहे हैं, जिससे यहां भर्ती गंभीर मरीजों के इलाज में संकट आ रहा है।
जनपद में ऐसा कोई गांव, कस्बा, नगर,गली, मोहल्ला नही बचा है जहां के किसी परिवार का सदस्य बुखार से पीड़ित न हो। सरकारी अस्पताल में जांच, इलाज के अभाव में जनपद मे जगह जगह अपने क्लीनिक, अस्पताल, दुकान की तरह सजाये बैठे डाक्टरों की बाढ़ सी आयी हुई है। जिन के संचालको के पास डिग्री के नाम पर कुछ भी नहीं है और अस्पताल स्टाफ भी मानक के अनुसार नही है। लेकिन अस्पतालों मे मरीज के लिए बेड इस तरह से लगाए गए है की जैसे उन सभी अस्पतालों को इटावा जनपद के मुख्य चिकत्सा अधिकारी ने जनपद के मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी दे रखी हो।
क्या अधिकारियो का इस ओर ध्यान नहीं है कि इन अस्पतालों में तलघर तक में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है उनकी पैथोलॉजी, एक्सरे, दवाइयों की दुकान भी है और कोई सूची भी नही है किस इलाज या जांच का क्या खर्च है? ये कार्य बिना अधिकारियो के सहयोग से नही हो सकता है। इन अस्पतालों को चलवाने मे प्रमुख भूमिका इन अधिकारियों की ही है।