Etawah News: गोशाला में गाय नदारद, सड़कों पर भटक रहा गोवंश

आशीष कुमार
इटावा/जसवन्तनगर: क्षेत्र में आवारा गोवंश के संरक्षण के लिए प्रशासन की ओर से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में गोशालाएं बनाई गई हैं। इनके संचालन की जिम्मेदारी ग्राम सचिव के साथ ग्राम पंचायतों को सोंपी गईं लेकिन क्षेत्र की गोशाला में गोवंश को संरक्षण नहीं मिल रहा। गोशाला के बावजूद गोवंश सड़कों पर भटक रहा है। सड़क पर शरण लिए है। सबसे ज्यादा नेशनल हाईवे पर,कुरसेना,बलरई नहर पुल बसस्टैंड के नजदीकआदि जगहों पर बैठी दिखाई देती हैं। केस्थ रोड, मेन बाजार रॉड, रेल्वे पुल कचौरा रोड पर विचरण करते देखी जा सकती हैं। कागजों में…गोशाला चल रही हैं, लेकिन धरातल पर कुछ ही गोशालाओं में ही गायों रखा गया है। जिनमें गोवंश है। कि सड़कों पर गाय भटकती देखी जा सकती हैं। गोशाला की तरफ सरकार को ध्यान देने की जरूरत है, जिससे गायों को गोशाला में संरक्षण मिल सकेगा।
बनती है हादसे का कारण
रात के समय इनकी संख्या बढ़ जाती है। हादसे का कारण बनती हैं।हाईवे, मुख्य मार्ग के साथ साथ लिंक मार्गों पर झुंड के रूप में भागते हुए दौड़ते हुए किसानों द्वारा खदेड़ने पर सड़कें पार करने के दौरान बाइक सवार, कार सवार, सायकिल सवार चपेट में आकर घायल हो जाते हैं या काल के गाल में समा जाते हैं। लेकिन सरकार ने लाखों रुपए खर्च करने के बाद गोशालाओं का निर्माण कार्य कराया गया था लेकिन उन गोशालाओं में गोबन्स की जगह कंडे थापने, भैंसों को बांधने, करब और पुआल रखने के अलावा टिन सेड में थ्रेसर ट्रैक्टर खड़े करने से लेकर दावतें खिलाने के बाद दोना पत्तल फेंकने के लिये उपयोग में लाई जा रही हैं,ऐसी गोशालाओं की संख्यालगभग दर्जन भर से ज्यादा होंगी जो इन कामों के लिए उपयोगी साबित हो रहीं हैं, लाखों रुपए की लागत से बनाई गई गोशालाओं में कितने लोगों के बारे के न्यारे हुये है ये सब कुछ तो भविष्य के गर्त में छुपा हुआ है, ऐसी गोशालाओं में राजपुर और धरवार गाँव की प्रमुख गोशाला है।