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Bihar News विधि-व्यवस्था संधारण में अभियोजन का रोल महत्त्वपूर्ण है : जिलाधिकारी

संवाददाता मोहन सिंह

बेतिया/ पश्चिमी चंपारण।
जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया धर्मेन्द्र कुमार द्वारा आज समाहरणालय अविस्थत सभागार में पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत कार्यरत लोक अभियोजक, सभी अपर लोक अभियोजक, सभी विशेष लोक अभियोजक एवं जिला अभियोजन पदाधिकारियों के साथ अभियोजन के बिन्दुओं की समीक्षा की गई।Bihar News The role of prosecution is important in maintaining law and order: District Magistrate

जिला पदाधिकारी ने कहा कि विधि-व्यवस्था संधारण में अभियोजन का अत्यंत महत्त्व है। अपराध होने पर अपराधी पकड़ा जाए और उसे उचित सजा दिला दी जाए तो ही अभियोजन ही जीत मानी जाती है। अभियोजन पक्ष मजबूती से रखना अभियोजन पदाधिकारियों का प्राथमिक दायित्व होना चाहिए। नए कानून लागु कर दिए गए हैं, जिसकी जानकारी सभी हितधारकों को हो, इसे सुनिश्चित करना है, ताकि अभियोजन पक्ष रखने में कोई चूक नहीं हो। अनुसंधान में कोई चूक नहीं रहे।

उन्होंने कहा कि तुरंत निष्पादित होने वाले वाद यथा सुलहनामा, छोटे मामले, दंड के लिए लंबित मामलों इत्यादि की सूची बनाई जाए और उससे विधि शाखा सहित संबंधित माननीय न्यायालय को भी अवगत कराया जाए। अभियोजन पक्ष की गवाही में खासकर डाक्टर्स/आईओ की गवाही एक ही दिन निर्धारित कराया जाए और कोशिश किया जाए की एक ही दिन में गवाही हो जाए। स्पीडी ट्रायल के मामलों में तुरंत डेट निर्धारित कराया जाए।

जिला पदाधिकारी ने कहा कि सभी विधि पदाधिकारी महत्त्वपूर्ण 20-20 वादों की सूची तैयार कर उपलब्ध करा दें तथा उन वादों में कम-से-कम 01 अतिमहत्त्वपूर्ण मामलों का निष्पादन का लक्ष्य प्रत्येक माह रखें तभी कार्यवाही में तेजी लाई जा सकेगी। उन्होनें कहा कि विगत दिनों निष्पादन की गति ठीक रही है, किंतु इसमें और तेजी लाने की आवश्यकता है। संकल्पित प्रयास से ही सजा दिलाया जा सकेगा और जिले में विधि व्यवस्था का समुचित संधारण होगा।

पुलिस अधीक्षक, पश्चिम चम्पारण डा. शौर्य सुमन ने कहा कि पुलिस महानिदेशक, बिहार के स्तर से अभियोजन पक्ष की लगातार समीक्षा की जा रही है तथा निदेश दिए जा रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मूल रूप से 20-25 महत्त्वपूर्ण मामलों को सूचीबद्ध करते हुए उनके निराकरण हेतु तत्परता बरतें। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत विभिन्न चरणों के लिए समय-सीमा निर्धारित किया गया है, उसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। बीएनएसएस की धारा 107 के तहत अभियुक्तों के आय के श्रोत की जानकारी हेतु संबंधित न्यायालय से नोटिस जारी कराना आवश्यक है। इस पर भी विशेष रूप से सचेत रहने की आवश्यकता है।

पुलिस अधीक्षक, बगहा सुशात कुमार सरोज ने कहा कि बगहा में लगातार समन्वय के कारण विगत दिनों में सजा में तेजी आई है। उन्होंने सभी विधि पदाधिकारियों से माननीय न्यायालय से अनुरोध करते हुए गवाही के लिए डेट ब्लॉक कराने हेतु निदेशित किया गया।Bihar News The role of prosecution is important in maintaining law and order: District Magistrate

उपस्थित विधि पदाधिकारियों के द्वारा भी अपने-अपने सुझाव जिलाधिकारी के समक्ष रखे गए, जिनके निराकरण हेतु जिलाधिकारी द्वारा प्रभारी पदाधिकारी, विधि शाखा को निदेशित किया गया।

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