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Bihar News देश के नागरिक प्रधानमंत्री मोदी से दस सवाल का जबाब जानना चाहता है:माले

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया

चुनाव के घोषणा होने के पुर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिलों में घुम घुमकर विकास के लिए करोड़ों रुपये की सौगात देने के नाम पर सभाएं की जा रही है। लेकिन पुर्व में किए गए घोषणाओं का क्या होगा?देश के छात्र, युवा, गरीब, किसान,मजदूर इसका जबाब कल की सभा में जानना चाहते हैं क्या प्रधानमंत्री मोदी देंगे इसका जबाब देंगे।इसलिए भी कि पहले आप चाय वाले थे और अब *सब लोग मोदी के परिवार* जैसे नारा दे रहे है। उक्त बातें बताते हुए माले नेता सुनील कुमार राव ने विज्ञप्ति जारी कर प्रधानमंत्री मोदी से दस सवाल देश के छात्र, युवाओं,किसानों और मजदूरों के तरफ से पुछा है कि:-
01* सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी इलेक्ट्रोलर बॉड़ को गैरकानूनी घोषित कर यह कहा था कि 06 मार्च तक भारतीय स्टेट बैंक इसकी सूची जमा करें कि किस कंपनी से किस राजनीतिक दल को क्या चंदा मिला लेकिन सब कुछ डिजिटल होने के बावजूद स्टेट बैंक ने समय पर सूचना देने से इंकार कर दिया है।क्या देश की जनता को यह जानने का अधिकार नहीं है कि आपकी पार्टी को किस कंपनी ने कितना चंदा दिया और आपने उसके एवज़ में देश के किस किस संपत्तियों को औने पौने में बेचकर उसे फायदा पहुंचाया।क्या यह मोदी की गारंटी में नहीं आता है।

Bihar News The citizens of the country want to know the answers to ten questions from Prime Minister Modi: Male
02* प्रति वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने की आपकी घोषणा ने तो युवाओं का वोट ले लिया लेकिन दस वर्षों में आपने युवाओं को रोजगार नहीं दिया। अग्नि वीर जैसे नौकरी के खिलाफ जब चंपारण के छात्र- युवा सड़कों पर उतरे तो सैकड़ों अभ्यर्थियों और छात्र युवाओं पर इसी चंपारण में आपकी सरकार ने मुकदमा दर्ज कर जेलों में डाल दिया। युवाओं को रोजगार देने के बदले मुकदमा क्या यह सही कदम था।अगर नही तो उन लोगों पर से मुकदमा वापस होगा,क्या दो करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा।क्या यह मोदी की गारंटी में नहीं आता है।
03* वर्ष 2022 तक किसानों के आय दोगुनी करने की घोषणा आपने किया था लेकिन वह अब तक लागू नहीं हुआ। क्या यह मोदी की गारंटी में नहीं आता है।
04*किसान एम एस पी की मांग पर दिल्ली कुच करने के लिए बॉर्डर पर एक पखवाड़े से है। जबकि एम एस पी पर कानून बनाने की वादा आपकी सरकार ने किया था। उसपर बात करने के बजाय आप सड़कों पर कटीली कीले ठुकवा रहे हैऔर बाड़ लगवा रहे हैं आखिर किसानों के लिए एम एस पी पर कानून कब तक बनेगा? क्या किसान मोदी की गारंटी में नहीं है ।
05*वर्ष 2022 तक सभी गरीबों के घरों को पक्का मकान देने की घोषणा का क्या हुआ ।बिहार में हुए जातीय गड़ना व आर्थिक सर्वे में झोपड़ी वालों की संख्या 41 प्रतिशत बताया गया है अगर उसमें एक कोठरी वाले मकान को जोड़ने पर यह 65 प्रतिशत तक के भयावह तस्वीर पेश करता है। गरीबों की जिंदगी में सुधार हो और वह भी पक्का मकान में रहे क्या यह मोदी की गारंटी में नहीं आता।
06*आपने गरीबों से उनका रेल क्यों छीन लिया।Bihar News The citizens of the country want to know the answers to ten questions from Prime Minister Modi: Male

पहले सभी रेल गाडियों में करीब आधा जनरल बोगियां लगी होती थी जिसमें गरीब कमजोर लोगों को कही भी आने जाने में सुविधा होती थी लेकिन आपके शासन ने इसे गरीबों से छीन लिया है। सभी रेल मे जनरल बोगियां लगेगी।क्या रेलवे में गरीब भी सवारी करें यह मोदी की गारंटी में नही आता है।
07*बिहार में जातीय गड़ना हो गयी लेकिन देश में जातीय गड़ना हो और सभी जातीयों को उनकी संख्याओं के अनुसार सुविधा, आरक्षण और आर्थिक लाभ मिले क्या यह आपको जरूरी नही लगता है।जातीय गड़ना में यह भी स्पष्ट हो गया है 5000 रुपये प्रति माह कमाई वाले लोगों की संख्या 34 प्रतिशत है और इसमें 10000 रूपये कमाई वालों को जोड़ा जाता है तो इनकी संख्या 67 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।इतनी भयावह गरीबी की तस्वीर के बाद भी बिहार और देश के गरीबों का जीवन स्तर उपर उठे इसके लिए आपके पास कोई योजना नही है।क्या बिहार को विषेष राज्य का दर्जा देना मोदी की गारंटी में नहीं आता।
08* आपने 2014 में घोषणा किया था कि हमारी सरकार बनेगी तो मोतिहारी चीनी मिल चलेगी और अगली बार आयेंगे तो उसी चीनी से चाय पियेंगे। लेकिन मोतिहारी चीनी मिल अब तक नही चला। चनपटिया में चीनी मिल बंद है और किसानों का उसपर बकाया भी है। चंपारण के किसान यह जानना चाहते है कि चंपारण की दोनों चीनी मिलें चलेंगी की नहीं। क्या चंपारण के किसान मोदी की गारंटी में नहीं है ।
09* प्रधानमंत्री जी आपने तो भारत रत्न अवॉर्ड को थोक के भाव में देकर इसकी गरीमा और मर्यादा को ही गिरा दिया। चंपारण सत्याग्रह के सूत्रधार राजकुमार शुक्ल जिन्होंने किसानों की पीड़ा को समझ गांधीजी को चंपारण बुलाया और नीलहे लुटेरों के लुट और भयावह दमन का तस्वीरें दिखाया। अपनी पुरी जिंदगी देश की आज़ादी और किसानों के दुख दर्द में लगा दिया। राजकुमार शुक्ल की वजह से चंपारण सत्याग्रह हुआ और देश आजाद हुआ। पर राजकुमार शुक्ल को जो ख्याति और सम्मान मिलना चाहिए ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। ऐसे में चंपारण के लोग यह जानना चाहते है कि मोदी सरकार चंपारण सत्याग्रह के प्रति वफादार है तो निश्चित रूप से राजकुमार शुक्ल को भारत रत्न अवॉर्ड देगी ।क्या चंपारण और देश वासी यह मोदी की गारंटी मानें

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चंपारण में रोजगार के लिए पलायन एक बड़ी समस्या बनी हुई है। मनरेगा जैसी योजनाओं को अमलीजामा पहना इसपर लगाम लगाया जा सकता है। लेकिन मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी से भी कम मजदरी आपकी सरकार देती है।वर्ष में दो सौ दिन काम और 600 रुपये मजदूरी की मांग मनरेगा मजदूरों की रही है लेकिन वह आपकी ड़बल इंजन की सरकार पुरा नही कर पा रही है।क्या यह मोदी की गारंटी में नहीं है

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