Bihar News: नशा छोड़ने वाले सतत जीविकोपार्जन योजना से हुए लाभान्वित- सुभाषणी प्रसाद

मोहन सिंह
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में जिला अंतर्गत नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नशीली पदार्थों के दुरूपयोग के रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में जिला स्तर पर समाहरणालय बेतिया में स्वयंसेवकों की बैठक का आयोजन सुश्री सुभाषणी प्रसाद, वरीय उप समाहर्ता -सह- सदस्य सचिव नशा मुक्त भारत अभियान, प० चम्पारण की अध्यक्षता में किया गया। सुश्री सुभाषणी प्रसाद ने बताया कि देश के चयनित 272 जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम को चलाया गया, जिसमें प० चम्पारण जिला भी सम्मिलित था। यह अभियान 31 मार्च 2021 तक संचालित किया गया था। लेकिन फिर से देश के 100 जिलों को इस अभियान को संचालित करने के लिए चयनित किया गया है, जिसमें प० चम्पारण जिले का भी चयन हुआ है।
वही नशा मुक्त भारत अभियान की जिला समन्वयक सुश्री मेरी आडलीन ने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान के दौरान कई स्वयंसेवकों के द्वारा न सिर्फ नशा मुक्ति का प्रचार- प्रसार किया गया है, न सिर्फ लोगों को नशा मुक्त किया गया, बल्कि नशा छोड़ने वालो को गरीबी निवारण हेतु बिहार सरकार की पहल सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा भी गया है। अभियान को सफल बनाने हेतु स्वयंसेवको और कला-जत्था कलाकारों के द्वारा लगातार दो माह तक जन- जागरूकता का कार्य किया गया है। स्वयंसेवकों ने नशापान के कारण लोगों को होने वाली मौत, बीमारियों और परेशानियों की जानकारियां दी, साथ ही नशा छोड़ने के उन्हें प्रेरित किये। दीवाल लेखन, डोर टू डोर कैम्पेन, नुक्कड़ नाटक, रंगोली प्रतियोगिता, मेहदी प्रतियोगिता, रैली, प्रभातफेरी आदि का आयोजन करके लोगों को जनजागरूकता का संदेश दिए। सुश्री आडलीन ने कहा कि आगामी दिनों में प्रत्येक प्रखंड से नशा छोड़ने वालों को चिन्हित करके उनकी केस स्टडी तैयार की जाएगी साथ ही उन्हें सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा जाएगा।
वही बैठक में उपस्थित जीविका के जिला समन्वयक प्रशिक्षण योजना प्रभारी, नरेश कुमार ने अभियान को ज्यादा लाभकारी और सफल बनाने हेतु स्वयंसेवकों के साथ रणनीति तैयार किया। नशा मुक्त भारत अभियान की सफलता के लिए महिलाओं, कॉलेज के छात्रों, युवाओ की भागीदारी पर बल दिया गया। बैठक में नशा मुक्त अभियान के सभी प्रखण्डों के स्वयंसेवक उपस्थित हुए।