Bihar News-ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले बच्चों को लेकर चलाया जा रहा विशेष अभियान : डॉ. चक्रपाणि हिमांशू

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार
वैशाली /हाजीपुर
आज दिनांक 13 जनवरी 2024 को परिसदन हॉल, हाजीपुर में बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष, डॉ. चक्रपाणि हिमांशु की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन विमुक्त एवं पुनर्वास विषय पर समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम से जुड़े बच्चों के विमुक्त कराने के लिए जागरूकता अभियान के प्रचार प्रसार को लेकर रहा। इसके अंतर्गत प्रचार-प्रसार, मेला, सूचना बूथ, कला और शिल्प गतिविधियों, दृश्यों, व्यक्तिगत कहानियों, कार्यशाला का आयोजन, सोशल मीडिया अथवा प्रखंड स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया जा सकता है। ईंट भट्ठों पर कार्यरत बाल श्रमिकों को विमुक्त कराने के लिए विशेष छापेमारी और धावादल के कार्य करने पर भी सहमति बनी। बैठक को संबोधित करते हुए बिहार राज्य बाल श्रम आयोग के अध्यक्ष, डॉ. चक्रपाणि हिमांशु ने कहा कि बाल श्रम से काफी बच्चे विमुक्त हुए हैं और विभाग लगातार इस काम कर रहा है। सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन जो बाल मज़दूरी को बढ़ावा देने में मुख्य कारक के तौर पर काम करता है, उसे ख़त्म करना अत्यंत आवश्यक है। आजादी के बाद हमारा विभाग दिन प्रतिदिन नए मुकाम हासिल कर रहा है। जहां एक ओर संसाधनों जैसे लैपटॉप, गाड़ी, मोबाइल इत्यादि की कमी थी वहीं आज इसकी उपलब्धता में 434 श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी कार्यलाय संचालित किए जा रहे हैं। ईंट भट्टों पर काम कर रहे बच्चों को विशेष रूप से विमुक्त किया जाए और इस पर विशेष अभियान चलाकर टीम के सदस्य धावादल बनाकर छापेमारी करें। राज्य में आयोजित होने वाले मेलों या अन्य आयोजनों में एक स्टॉल बाल श्रम के जागरूकता को लेकर लगाएं और लोगों को इसके बारे में जागरूक करें। अधिकारियों के बीच आपसी संबंध जितना अच्छा होगा तो कार्य का परिणाम भी अच्छा निकलेगा। इसके साथ ही घर-घर के साथ अपार्टमेंट को चिन्हित किया जाए जहां बाल श्रम करवाया जाता है और बच्चों को विमुक्त किया जाए। पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर जागरूकता फैलाई जाए। यही एक मात्र विभाग है जिसमें जन्म से लेकर मृत्यु तक की योजनाओं का लाभ लाभुकों को दिया जा रहा है। जैसे कि ‘मृत्यु लाभ’, ‘दाह संस्कार’, ‘मातृत्व लाभ’, ‘निर्माण श्रमिकों के बच्चों के शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता’, ‘विवाह के लिए वित्तीय सहायता’, ‘वार्षिक चिकित्सा सहायता योजना’, ‘दुर्घटना अनुदान’, ‘पारिवारिक पेंशन’, ‘विकलांगता पेंशन’, ‘नकद पुरस्कार’, ‘पितृत्व लाभ’ आदि। बच्चों का स्थान विद्यालय में है, खेलकूद के मैदान में है, ना कि किसी होटल, ढाबा,गैराज, फैक्ट्री आदि मे वित्तीय वर्ष 2023 – 24 में धावा दल के द्वारा बाल श्रमिक विभिन्न प्रखंडों से अलग-अलग विमुक्त किए गए जब तक श्रमिकों की स्थिति अच्छी नहीं तो बाल श्रम पर रोक नहीं लगाया जा सकता इसके लिए श्रम संसाधन विभाग की लाभकारी योजना जो जन्म से मृत्यु तक लाभ देती है उससे जोड़ा जाए श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन में तेजी लाया जाय
प्रत्येक बालक के शिक्षा मौलिक अधिकार हैं ,इसलिए शिक्षा विभाग 6 से 14 वर्ष के आयु के सभी बच्चों को विद्यालय जाने के लिए प्रारंभिक शिक्षा मुक्त है l वहीं 15 वर्ष से अधिक उम्र के युवाओं के लिए बिहार कौशल विकास मिशन के कई तरह के रोजगारपरक कोर्सों का संचालन किया जाता है। अगर वो इस कोर्स को कर लेते हैं तो स्वरोजगार कर अपने जीवन का निर्वहन कर सकते हैं। बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र बच्चे कार्य लेना दंडनीय अपराध है 14 से 18 वर्ष के किशोर से खतरनाक नियोजन जैसे ईंट भट्ठा खानों इत्यादि जगह पर काम लेना दंडनीय अपराध है। बाल श्रम करवाते पकड़े गए तो कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो 20000 से 50000 तक जुर्माना या 6 से 2 साल तक का कारावास होगाl सरकारी कर्मियों के यहां पकड़े गए तो विभागीय कार्यवाही किया जाएगा।
ईंट भट्टों पर काम कर रहे बाल श्रमिकों पर रोक लगाया जाए। दूसरे राज्य जिलों से आए हुए माता-पिता के साथ बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था ईट भट्टे मालिक द्वारा कराया जाए या ना तो स्थानीय आंगनबाड़ी केंद्र या विद्यालय भेजा जाए ईट भट्टे में 5 से 6 माह तक श्रमिक कार्यरत रहते हैं, इसके लिए श्रमिक के साथ-साथ रह रहे उनके बच्चे के लिए शुद्ध पानी पीने रहने की अच्छी व्यवस्था, खेलने की व्यवस्था,दवाई एवं शिक्षा के साथ, सुरक्षा की समुचित व्यवस्था किया जाए।
बाल श्रम बच्चों के बचपन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य वंचित करता है। विमुक्त बाल श्रमिकों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अन्य राज्यों से विमुक्त बाल श्रमिकों की घर सुनिश्चित किया जाता हैl विमुक्त बाल श्रमिकों के माता-पिता इंदिरा आवास,राशन कार्ड, निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा देने की बात राज्य सरकारी योजना 2017 में की गई है, परवरिश योजना का लाभ दिलाया जाता है। हाल ही में सभी जिले के जिलाधिकारियों के द्वारा जनसंवाद के माध्यम से विभाग के जिस तरह से योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया, ठीक उसी प्रकार से सभी अधिकारी विद्यालय स्तर पर जाकर बच्चों के अविभावकों को श्रम विभाग के तहत सभी योजनाओं को बताया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार और विभाग के बीच समन्वय जितना अधिक होगा परिणाम भी उतने ही बेहतर देखने को मिलेंगे। सोशल मीडिया के विभिन्न आयामों पर प्रचार प्रसार का होना लोगों पर विशेष असर डालता है। साथ ही वैसे बच्चे जो किसी कारणवश नशा के शिकार हो गए है उनको भी मुख्यधारा से जोड़ा जाए। वित्तीय वर्ष 2023 24 में 47 बच्चे भी मुक्त किए गए। जिस दिन प्रदेश बाल श्रम से विमुक्त हो जायेगा उस दिन सभी का अतुलनीय योगदान अमिट छाप छोड़ जायेगा।
उक्त बैठक में बिहार बाल श्रम आयोग के सदस्य श्री शाहिल जमाल, माननीय विधायक मुकेश कुमार रौशन, श्रम अधीक्षक वैशाली श्री शशि कुमार सक्सेना, पुलिस अधीक्षक वैशाली श्री देवेन्द्र प्रसाद, सहायक पुलिस उपाधीक्षक, वैशाली श्री अभिषेक कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी वैशाली श्री प्रणव प्रतीक, सामाजिक कार्यकर्ता पिंटू कुमार के साथ विभाग के अन्य पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।