Breaking Newsबिहार

Bihar news प्रधानमंत्री जी देश की संविधान लोकतांत्रिक है , जहां जनता सर्वोपरि होती है

संवाददाता मोहन सिंह

बेतिया भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की बिहार राज्य सचिवमंडल सदस्य प्रभुराज नारायण राव ने कहा कि आज देश की स्थिति सही नहीं है और ऐसी स्थिति में देश के सामने झूठ परोसने का सिलसिला अभी जारी है ।
सीएमआईई ने साफ-साफ कहा है कि देश में इस कोरोना काल में 97% परिवारों की आय घटी है । देश में 19% लोग इस दौर में गरीब हो गए हैं । एक करोड़ लोगों की नौकरी चली गई है । 12% लोग मई में बेरोजगार हुए जबकि 8% लोग अप्रैल माह में बेरोजगार हो गए थे। सी एम आई ई ने यह सुझाव दिया की इस गंभीर परिस्थिति में जहां जीडीपी माइनस में जा रहा है । वहां कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए केंद्र सरकार को पूरी जवाबदेही के साथ तत्पर रहना है । जबकि देश में 15 लाख वैक्सीन रोज लगाए जा रहे हैं । वैसी स्थिति में बिहार में कितने वैक्सीन लग रहे हैं , आप स्वत: अंदाज लगा सकते हैं ।
हम देश के प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि जब देश में वेक्सिन बनाने वाली भारत बायोटेक कंपनी केंद्र सरकार को ही वेक्सिन देती है । तो फिर प्राइवेट अस्पतालों को कहां से वेक्सिन मिल रहा है । यह एक गंभीर सवाल है । जब केंद्र सरकार ने देश की जनता को वेक्सिन देने के लिए 35 हजार करोड़ रुपए आवंटित कर रखा है । तो फिर राज्य सरकारों को बढ़े हुए दाम पर वेक्सिन खरीदने को केंद्र सरकार क्यों दबाव बना रही है । इस तरीके से यह परिलक्षित हो रहा है कि लोगों की कोरोना संक्रमण से सुरक्षा की जबांदेही केंद्र सरकार की नहीं है । क्योंकि वह इसका हिस्सेदार राज्य सरकारों को बनाने पर तुली हुई है।
इसका मतलब बहुत साफ है कि भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत जनता की सुरक्षा की बात नहीं सोची जा रही है । जिसके पैसे से सारी व्यवस्थाएं चल रही है ।
हमने यह मांग किया था कि इस कोरोना संक्रमण के दौर में 80% से ज्यादा लोग जो रोज कमाने और खाने वाले हैं । आज उनके घर में खाने के लिए अनाज नहीं है । इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं है । ऐसी स्थिति में सरकार के द्वारा केरल मॉडल को अख्तियार करते हुए 16 आइटम जन वितरण प्रणाली के माध्यम से जनता के बीच देना चाहिए । लेकिन हमारी बात सरकार नहीं मान रही है । वह 10 किलो मुफ्त अनाज प्रति व्यक्ति प्रति माह भी देने को तैयार नहीं है । हमने कहा था कि सभी परिवारों को साढ़े सात हजार रुपए सहायता के रूप में दिया जाए । हमने कहा था कि मनरेगा के माध्यम से सभी काम करने वाले मजदूरों को ₹600 मजदूरी की दर से रोजगार दिया जाए । जबकि सच्चाई यह है कि देश में मात्र 7 प्रतिशत लोगों को ही मनरेगा के माध्यम से रोजगार मिला है । मैने कहा था की बिहार में कोरोना टेस्टिंग 25 लाख रोज किया जाय । तो बिहार के लोगों की जांच में दो माह लग जायेंगे । जो अभी हजारों में हो रहा है ।
वेक्सिन जब पूरे देश में 15 लाख ही रोज लग रहे हैं । तो वेक्सिन के अभाव में अब 16 सप्ताह पर दूसरा डोज देने का केंद्र सरकार ने निर्णय लिया । कहीं 18 से 44 साल तक के लोगों के लिए वेक्सिन स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं है । तो कहीं 45 से ऊपर के लोग वेक्सिन के अभाव में लोग वापस जा रहे हैं ।
जिन लोगों को पहले के निर्णय के आलोक में 3 या 4 सप्ताह पर दूसरा डोज लग गया । वे आज ससंकित हैं कि कहीं मेरा डोज गलत तो नहीं ? जिनको 6 सप्ताह पर दूसरा डोज लगा वो भी ससंकित हैं और जिन्हें दूसरे डोज के लिए 6 सप्ताह पर बुलाया गया था । उनको अब 12 सप्ताह बाद बुलाया जा रहा है । इस पर कोई स्पष्ट दिशा अब तक प्राप्त नहीं है ।
लेकिन यहीं कोविशील्ड जो विदेशों को भेजा गया । वह ब्रिटेन में 3 से 4 सप्ताह पर दूसरा डोज दिया जा रहा है । यह बेवकूफ बनाने के शिवाय दूसरा कुछ भी नहीं है ।
इस तरह भारत सरकार की वेक्सिन नीति को आसानी से समझ सकते हैं ।
फोटो

जनवाद टाइम्स इटावा

ब्रेकिंग न्यूज, राजनीति, खेल या व्यापार -उत्तर प्रदेश की ताजा खबरें, Agra News, Etawah News, Pratapgarh News, Meerut News, Ambedkernager News, Uttar Pradesh News, in Hindi Reports, Videos and Photos, Breaking News, Live Coverage of UP on Janvad Times.

Related Articles

Back to top button
जनवाद टाइम्स