Breaking Newsबिहार: बेतिया

Bihar News निर्वाचित महिला महापौर की मर्यादा और वैधानिक व्यवस्था की माननीय द्वारा धज्जियां उड़ाने पर सरकार से मेरी गुहार:गरिमा

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया

नगर निगम बोर्ड की बुधवार को संपन्न सामान्य बैठक और उसके बाद उठा राजनीतिक बवेला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वायरल क्लिप और दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित पश्चिम चंपारण के सांसद और विधान पार्षद सौरव कुमार के बयान को महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि बैठक में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश जी के महिला आरक्षण के बारे में, ढिंढोरा पीटते रहे माननीय सांसद को याद नहीं आया कि उसी आरक्षण के तहत निर्वाचित हुई मैं एक महापौर के साथ अन्य हमारी माननीय अन्य महिला पार्षदगण की भी मर्यादा है।

Bihar News My appeal to the government on the honourable's flouting of the dignity and legal system of the elected woman mayor: Garima

बिहार नगरपालिका अधिनियम के तहत विहित वैधानिक व्यवस्था की माननीय द्वारा धज्जियां उड़ाने को लेकर मैं अपने विभाग और मंत्रालय से लेकर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री, परम आदरणीय मुख्यमंत्री जी के यहाँ भी न्याय की गुहार लगाउंगी। महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि स्थानीय सांसद महोदय को ज्ञात होना चाहिए कि हमारे नगर निगम बोर्ड के सदस्य के रूप में निर्वाचित पार्षदगण निरक्षर से लेकर साक्षर स्तर के आधे दर्जन से भी अधिक सदस्य हैं। उसमे से भी कई महिला काफ़ी वृद्ध हैँ। कुछ अतिवृद्ध महिला पार्षद के परिजन उनके देखभाल एवं विधाई कार्यों की चर्चा दर्शक दीर्घा में बैठकर देखने एवं उससे नगर निगम बोर्ड में पारदर्शिता बनी रहने को लेकर मेरी व्यवहारिक अव्यवस्था से बचने के लिए ऐसे कुछेक पार्षदगण के परिजनों का आवेदन स्वीकार करना पड़ा। इसको अवैध बताना मेरी समझ से हमारे कुछ अतिवृद्ध एवं अस्वस्थ महिला पार्षदगण के लिए समस्या बढ़ाने जैसा है।

Bihar News My appeal to the government on the honourable's flouting of the dignity and legal system of the elected woman mayor: Garimaमहापौर ने कहा कि संबंधित विभागीय आदेश में जब इसकी कोई मनाही नहीं है, तो यह कृत्य अवैध बताना केवल और केवल अपनी राजनीति चमकाने से ज्यादा कुछ भी नहीं है। इसके साथ ही मैं बड़े विनम्र भाव से बताना चाहती हूं कि विभाग के नियम के विपरीत नगर निगम बोर्ड की बैठक में शुरू से आख़री तक अपने प्रतिनिधि श्री विभय चौबे को किस नियम के तहत बोर्ड की बैठक में भेजा गया। माननीय के खुद की उपस्थित होने और उनके साथ पहुंचे पर्सनल असिस्टेंट और बॉडीगार्ड मेयर की कुर्सी के ठीक पीछे खड़े होकर लगातार वीडियो बनाते रहे। महापौर ने यह भी बताया कि उनके द्वारा सदन काफी देर तक हंगामा कर सदन की कार्यवाही में अवरोध पैदा कर रहे एक पार्षद एनामुल हक को बाहर जाने का आदेश दिया तो यह कहना कि कोई बाहर नहीं जाएगा, किसी को बाहर भेजने का राइट नहीं है! यह कृत्य महापौर को अपने वैधानिक अधिकार का हनन और दायित्व का निर्वहन करने से रोकना नहीं है क्या? इसके साथ महापौर ने बताया कि वोटिंग कुछ नहीं होता है यह कह कर नगर निगम के पार्षदगण का और बिहार प्रशासनिक सेवा के एक वरीय अधिकारी और नगर आयुक्त जैसे बड़े व वैधानिक महत्व के पद पर पदस्थापित को बार बार लज्जित करना और कर्तव्यहीन ठहराना अपने पद की मर्यादा भंग करना नहीं है क्या? महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि कोई भी पीठासीन पदाधिकारी उस सदन का सर्वोच्च होता है। उस महापौर को सदन के अंदर बोलने से बार बार रोकना हमारी भाजपा जैसी राजनीतिक दल के लोकसभा में सचेतक जैसे पद को सुशोभित कर रहे वरीयतम राजनीतिज्ञ के लिए अशोभनीय व्यवहार नहीं है क्या?

Bihar News My appeal to the government on the honourable's flouting of the dignity and legal system of the elected woman mayor: Garimaमहापौर ने कहा कि ऐसा व्यवहार बिहार नगर पालिका अधिनियम, नगर निगम के सभी पार्षदगण के साथ बेतिया नगर निगम क्षेत्र के लाखों जनता जनार्दन का भी मेरी समझ में अपमान है। मैं न्याय की गुहार अपने विभाग, मंत्री महोदय के साथ माननीय मुख्यमंत्री और यशस्वी प्रधानमंत्री जी से भी अवश्य करूंगी।

Related Articles

Back to top button
जनवाद टाइम्स