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Bihar news  यूरिया की किल्लत के लिए दोषी है मोदी सरकार-विधायक

संवाददाता मोहन सिंह

पश्चिम चंपारण में जुलाई माह में यूरिया की आवश्यकता 9,581.00 मि. टन की थी, मगर मात्र 5,789.630 मि. टन ही उपलब्ध कराया गया हैं, वही अगस्त महिने में 13,008.000 मि. टन की आवस्यकता थीं मगर अभी तक मात्र 1,047.150 मि. टन केंद्र की मोदी सरकार उपलब्ध करा सकीं है।बीपीया भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक विरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने विज्ञप्ति जारी कर केन्द्र व राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि जिले में यूरिया किल्लत से परेशान किसानों को जल्द से जल्द आवस्यकता के अनुरूप यूरिया उपलब्ध कराने का काम करें!

आगे विधायक ने कहा कि इस साल समय पूर्व अत्याधिक बारिश होने के कारण निचले भाग में धान की रोपाई का काम नहीं हुआ है, ऊपरी भाग में धान की रोपनी किसी तरह किया गया है। अब इसमें खाद की जरूरत है। समय पर यह उपलब्ध नहीं होने से धान की उपज भी कम होगी एवं यह किसानों के लिए चिता का कारण बन गया है। यूरिया की कमी से एक ओर जहां किसानों की फसलें प्रभावित हो रही हैं। वहीं दुकानदार यूरिया की कमी का फायदा उठाकर किसानों से अधिक रकम वसूल रहे हैं। जिले में खाद की कमी के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है।

Bihar news  यूरिया की किल्लत के लिए दोषी है मोदी सरकार-विधायक

सिकटा विधायक श्री गुप्ता ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गए आकड़ों अनुसार पश्चिम चंपारण में जुलाई माह में यूरिया की आवश्यकता 9,581.00 मि. टन की थी, मगर मात्र 5,789.630 मि. टन ही उपलब्ध कराया गया हैं, वही अगस्त महिने में 13,008.000 मि. टन की आवस्यकता थीं मगर अभी तक मात्र 1,047.150 मि. टन ही केंद्र की मोदी सरकार आवंटन करा सकीं है, माले विधायक ने कहा कि मोदी सरकार एक तरफ तीन कला कृषि कानून बनाकर किसानों से जमीन छिनने पर तुली है तो दूसरी तरफ कृत्रिम रूप से यूरिया की किल्लत पैदा कर खेती को बर्बाद करने की नीति पर चल रही है, जो देश का किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे!

सिकटा विधायक ने आगे कहा कि बिहार की नीतीश सरकार भी मोदी सरकार की राह पर चल पडीं है, समय से पहले बारिश होने के कारण निचले भाग में धान की रोपनी नहीं हुआ है, ऐसे में किसानों को राहत पैकेज देने की बजाय सरकार चुप्पी साध रखी है, वही जिले में आवश्यक के अनुरूप यूरिया नहीं आने के कारण प्राइवेट दुकानदारों ने यूरिया खाद को 266 रुपए वाला यूरिया का बोरी 350 रुपए तक में बेच रहे हैं। खुल्ला कलाबजारी जारी है, सरकार और प्रशासन नाम की चीज नही दिखतीं है।

Bihar news  यूरिया की किल्लत के लिए दोषी है मोदी सरकार-विधायक

केन्द्र व राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा विधायक ने कहा कि किसानों के आवश्यकता के अनुरूप यूरिया उपलब्ध कराने का काम करें नहीं तो किसानों के समर्थन में भाकपा-माले आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी

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