Bihar News-माघ स्नान समस्त पापों को धो देता है

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार
सारण/सोनपुर ।
सोनपुर । हरिहर क्षेत्र के धरती पर लोकसेवा आश्रम के संत विष्णु दास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने माघ- स्नान की महत्ता पर अपना उदगार व्यक्र करते हुए कहते – हैं माघ स्नान समस्त पापों को धो देता है। जो लोग होम, यज्ञ तथा निष्ठापूर्व कर्मों के बिना ही उत्तम गति प्राप्त करना चाहते हो वे माघ में किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें। जो गो, भूमि, तिल वस्त्र और धान् आदि का दान किए बिना ही स्वर्गलोक में जाना चाहते हो वे माघ में सदा प्रातः काल स्नान करें।
संत मौनी बाबा ने अपने आश्रम में पहुंचे श्रद्धालुओं को माघ स्नान की विशेषता पर चर्चा करते हुए रविवार को बताया कि माघ-मास में स्नान में जप, होम और दान विशेष फल प्रदान करते हैं। उतना ही नहीं माघ स्नान में प्राप्त स्नान नाना प्रकार के दान और भगवान विष्णु के स्रोत का पाठ करने वाला दिव्यधाम आनंद पूर्वक निवास करता है। उन्होंने कहा माघ में प्रिय वस्तु का त्याग और नियमों का पालन अधर्म की जड़ काट देता है। बाबा ने कहा यदि स्वच्छ भाव और उत्तम विचार रखकर माघ स्नान किया जाए तो उस से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। माघ स्नान करने वाले पुण्यात्मा कभी स्वर्ग से लौटकर नहीं आते। माघ स्नान से बढकर कोई और पवित्र पापनाशक व्रत नहीं है। त्रिकालदर्शी महर्षि भृगु की बात करते हुए कहते हैं कि उनका कथन है कि जो मनुष्य माघ स्नान में उगते हुए सूर्य की लालिमा के समय गंगा अथवा – किसी पवित्र नदी अथवा सरोवर में नित्य नियम से स्नान करता है वह पिता और माता के कुल को सात-सात पीढ़ियों का उद्वार करके स्वयं स्वर्ग का – उत्तराधिकारी होता है।
संत मौनी बाबा कहते हैं तीर्थों में अनेक वर्षवास करने का फल माघ मास की अमावस्या, पूर्णिमा तथा मकर संक्रांति के पर्वकाल में तीर्थराज प्रयाग में त्रिवेणी, काशी के दशाश्वमेध घाट ब्रह्मव्रत, गंगा सागर पुष्कर स्नान, कुरुक्षेत्र और हरिहर क्षेत्र में पवित्र स्नान करने मात्र से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।