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Bihar News खसरा-रूबैला से बचाव हेतु बच्चों को एमआर-01 एवं एमआर-02 दोनों टीका लेना है अनिवार्य

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया

जिलाधिकारी, कुंदन कुमार ने कहा कि भारत सरकार द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में खसरा-रूबैला उन्मूलन दिसंबर 2023 तक शत-प्रतिशत कर दिया जाना है। इसके तहत बच्चों के 09 माह होने पर खसरा-रूबैला के प्रथम डोज एवं 16 माह के होने पर द्वितीय डोज से शत-प्रतिशत आच्छादित किया जाना है।Bihar News खसरा-रूबैला से बचाव हेतु बच्चों को एमआर-01 एवं एमआर-02 दोनों टीका लेना है अनिवार्य

उन्होंने कहा कि इस कार्य को मिशन मोड में कराना सुनिश्चित किया जाय। खसरा-रूबैला से बचाव हेतु अभियान चलाकर छूटे हुए सभी बच्चों को टीकाकरण से आच्छादित किया जाय। उन्होंने कहा कि बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण कराना अतिआवश्यक है। सम्पूर्ण टीकाकरण हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करते हुए जनजागरूकता लायी जाय। जिलाधिकारी द्वारा खसरा-रूबैला उन्मूलन और टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी प्रशासनिक पदाधिकारी यह ध्यान रखेंगे कि क्षेत्रान्तर्गत खसरा-रूबैला के संदिग्ध बच्चे मिलते हैं तो इसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों को दें ताकि उनकी निगरानी करते हुए जांच किया जा सके।

समीक्षा के क्रम में डब्ल्यूएचओ के डॉ0 भाष्करण द्वारा खसरा-रूबैला से संबंधित प्रजेंटेशन देते हुए बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा खसरा-रूबैला की रोकथाम करने हेतु कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से रेंडमली बच्चों की जांच करायी जाती है। जांचोपरांत यह तथ्य प्रकाश में आया कि कुछ संक्रमित बच्चों को नियमित टीकाकरण से आच्छादित नहीं किया गया था। इस कारण ये बच्चे संक्रमित हो गये। संक्रमित बच्चों को समुचित ईलाज मुहैया कराते हुए उन्हें स्वस्थ कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि खसरा-रूबैला बीमारी होने पर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बुरी तरह प्रभावित होता है। इसके कारण अन्य बीमारी भी बच्चों को गंभीर रूप से जकड़ लेता है। खसरा-रूबैला से बचाव हेतु एमआर-01 एवं एमआर-02 दोनों टीका लेना अनिवार्य है।Bihar News खसरा-रूबैला से बचाव हेतु बच्चों को एमआर-01 एवं एमआर-02 दोनों टीका लेना है अनिवार्य

उन्होंने बताया कि खसरा-रूबैला दोनों के लक्षण लगभग एक समान ही है। इसमें बच्चों को बुखार के साथ शरीर पर लाल दाने निकल आते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह भ्रांति है कि यह माता जी या मईया जी हैं। उन्होंने बताया कि एएनएम के माध्यम से तथा अन्य माध्यमों से यह प्रचारित कराया जाता है कि बच्चों को अगर बुखार के साथ शरीर पर लाल दाने निकल आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में टीकाकरण सहित मेडिसिन उपलब्ध है।

उन्होंने बताया कि नियमित रूप से हर महीने हर गांव-टोलों में एएनएम के माध्यम से टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में लगभग चार हजार से ज्यादा सेशन साइट बनाये गये हैं जहां एएनएम नियमित टीकाकरण का कार्य करती है।Bihar News खसरा-रूबैला से बचाव हेतु बच्चों को एमआर-01 एवं एमआर-02 दोनों टीका लेना है अनिवार्य

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, सहायक समाहर्त्ता, सुश्री शिवाक्षी दीक्षित, अपर समाहर्ता, राजीव कुमार सिंह, अनिल राय, सिविल सर्जन, डॉ0 श्रीकांत दूबे, महामारी विशेषज्ञ, डॉ0 आरस मुन्ना, डब्ल्यूएचओ के डॉ0 भाष्करण सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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