Bihar News वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत बाघ के हमले में किसान की मौत

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
वाल्मीकि टाइगर प्रोजेक्ट के आसपास के गांवों में जंगली जानवरों का हमला बेरोकटोक जारी है। कभी भालू , कभी मगरमच्छ तू कभी बाघ के हमले से ग्रामीण भयभीत हैं। पिछले पांच वर्षों के अंदर जिले के लगभग एक दर्जन लोग बाघ के हमले में मारे जा चुके हैं और दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। लेकिन इस दिशा में वन विभाग द्वारा अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा सका। जबकि इन जानवरों की देखरेख के लिए सरकार द्वारा साल में करोड़ों रुपए खर्च की जाती रही है।
इसी क्रम में सोमवार की शाम सहोदर थाने के बन बैरिया निवासी इंद्रदेव महतो 50 वर्ष पर वीटीआर क्षेत्र से भटके बाघ ने हमला कर मार डाला और शव को घसीटते हुए 200 मी दूर गन्ने के खेत में ले जाकर छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। ग्रामीणों के अनुसार ग्रामीण इंद्रदेव महतो सुबह बकरी चराने जंगल की ओर गया था जो शाम तक अपने घर नहीं लौटा। उसके परिजनों ने किसी अनहोनी की आशंका पर ग्रामीणों के साथ खोज बिन शुरू किया, तू गाने के खेत में उसका शव बरामद किया गया। सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंची सहोदर पुलिस ने 100 को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु जीएमसीएच अस्पताल बेतिया भेज दिया।
घटना की पुष्टि करते हुए वीटीआर डायरेक्टर नेशा मणि के अनुसार वन कर्मियों द्वारा नरभक्षी बाघ की रेकी की जा रही है।