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Bihar news डॉ. घनश्याम ने छेड़ी है चंपारण को रोगमुक्त बनाने की मुहिम

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया

आज की जीवनशैली में शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द, गैस, थकान, अनिद्रा, चर्म रोग से हर तीसरा आदमी जूझ रहा है। रोगी चिकित्सक पर चिकित्सक बदलते जा रहे हैं। और रोग है कि ठीक होने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे में होमियोपैथिक दवा किसी वरदान से कम नहीं है। ये बातें बेतिया के सविता होमियो क्लीनिक एंड रिसर्च सेंटर के संचालक चर्चित होमियोपैथिक डॉक्टर घनश्याम ने रविवार को हरसिद्धि प्रखंड के कनछेदवा चौक स्थित क्लीनिक में कही। इस दौरान करीब 40 रोगियों की बॉडी एनालाइजर से मुफ्त जांच कर दवा दी गई।Bihar news Dr. Ghanshyam has started a campaign to make Champaran disease free

उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में रोगी भुजा की तरह अंग्रेजी दवाएं फांकते हुए असमय लिवर, किडनी, हृदय खराब कर लेते हैं। विशेषकर दर्द निवारक व एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध सेवन के दुष्प्रभाव बहुत खतरनाक हैं। लेकिन विकल्प के रूप में होमियोपैथ की शरण में जाकर इन दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। दुर्घटना, सर्जरी या संक्रमण जैसी आपातकालीन स्थिति को छोड़ दें तो होमियोपैथ पद्धति हानिरहित इलाज का श्रेष्ठ विकल्प है। इसमें केस टेकिंग कर सही दवा का चुनाव, फॉलो अप और रोगी का फीडबैक बहुत मायने रखता है।

उन्होंने कहा कि साइटिका, गठिया, फैटी लिवर, एंजाइटी, डिप्रेशन, अनिद्रा, एक्जिमा, सफेद दाग, सोरियासिस, पाइल्स, मुंहासे, हेयर फॉल, सिफलिस, चकत्ते, दाद, एलर्जी, अस्थमा, कई प्रकार के घावों व चर्म रोग आदि अनगिनत रोगों के इलाज में सफलता मिली है। यदि अनुभवी और डिग्रीधारी चिकित्सकों से इलाज कराने पर यह पैथ बहुत सुरक्षित है। रोगी चिकित्सक पर विश्वास कर सम्पर्क नियमित सम्पर्क में रहे तो लाइलाज रोगों में भी जादुई असर मिलते देखा गया है। रोग के हिसाब से 15 दिनों से लेकर एक वर्ष तक इलाज चलता है।Bihar news Dr. Ghanshyam has started a campaign to make Champaran disease free

उन्होंने बताया कि बीएचएमएस करने के बाद मैं बड़े शहरों में जा सकता था। वहां शिक्षित समाज होने के कारण इसकी खूब मांग है। लेकिन मैंने ननिहाल बेतिया को कर्म भूमि बनाना पसंद किया। भौगोलिक दृष्टिकोण से सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला जिला बेतिया नेपाल, उत्तर प्रदेश, रक्सौल और मोतिहारी से सटा हुआ है। एक करोड़ से ज्यादा संख्या में ग्रामीण आबादी यहां निवास करती है। मैंने चंपारण को रोगमुक्त बनाने की मुहिम छेड़ रखी है। आम ग्रामीणों की इस पैथ के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। वे दवा का महत्व समझने लगे हैं।Bihar news Dr. Ghanshyam has started a campaign to make Champaran disease free

उन्होंने कहा कि ऐसा देखा जाता है कि सब तरफ से हार-थककर अंतिम अवस्था में रोगी होमियोपैथ उपचार अपनाते हैं। इसीलिए परिणाम धीमा मिलता है। यदि रोग की शुरूआत में इस पद्धति से इलाज कराए तो बहुत जल्द परिणाम मिलते हैं। कोई भी रोगी यदि किसी जटिल रोग से परेशान है तो एक बार मेरे क्लीनिक पर आकर मिले, दवा की कुछ दिनों की खुराक में ही फर्क साफ-साफ नजर आएगा। बता दें कि मूल रूप से पूर्वी चंपारण के कनछेदवा निवासी डॉ. घनश्याम को पिछले वर्ष सिंगापुर में एक कार्यक्रम में होमियो रत्न के अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

मिलने का पता –

डॉ. घनश्याम, B.H.M.S (B.U), P.G.H.M (Tamilnadu)
जिलाध्यक्ष, ऑर्गनाइजेशन फॉर होमियो मिशन, बेतिया

सविता होमियो क्लीनिक एन्ड रिसर्च सेंटर
नया बाजार चौक, बेतिया
व्हाट्सएप्प नम्बर- 8084511164

नोट – मोतिहारी के कनछेदवा चौक (हरसिद्धि) पर महीने के पहले और तीसरे रविवार को 15 दिनों पर बैठना होता है।

(नोट – किसी भी रोग की स्थिति में एक बार हमारे क्लिनिक में आना अनिवार्य है। किसी कारण से यदि रोगी क्लिनिक में दोबारा आने में असमर्थ है तो सशुल्क टेलीफोनिक परामर्श की सुविधा है। चिकित्सकीय व्यस्तता के कारण हरदम कॉल रिसीव करना संभव नहीं। बहुत जरूरी है तो व्हाट्सप्प पर समय लेकर फोन से संक्षिप्त पूछताछ कर सकते हैं।)

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