Bihar News दिल्ली की टीम बलथर आर्या नगर में किया दौरा
घटना के 7 माह पश्चात आज भी गांव में दहशत, बच्चे बूढ़ी औरत को छोड़कर कोई नहीं है गांव में - मो. नूर आलम

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
18 नवंबर 2022 को मार्ग संस्था, दिल्ली की टीम , जो मानवाधिकार प्रोत्साहन के मुद्दे (human rights advocay) पर काम करती है। मोo नूर आलम के नेतृत्व में पश्चिमी चंपारण के बलथर थाना अंतर्गत आर्या नगर के मृतक अनिरुद्ध यादव के घर का दौरा किया।मृतक के घर पर कोई भी बालिग सदस्य मौजूद नहीं थे। आस-पड़ोस के लोग में से कोई भी बूढ़े बुजुर्ग बयान देने के लिए राजी नहीं थे। जबकि इस प्रतिनिधिमंडल को एक भी युवा गांव में नहीं दिखा। जब हमने इसकी कारण जानने की कोशिश करी तो हमें बच्चों के माध्यम से पता चला कि गांव में भय एवं दहशत का ही माहौल है। बहुत मान मनौवल के बाद एक बुढी महिला बोलने को तैयार हुई और उन्होंने बताया कि 15 नवंबर के रात में चार लोगों को पुलिस उठा ले गई है जिनमे लालू प्रसाद, फाजिल, गामा एवं सुस्ता शामिल हैं।
इन ताजा गिरफ्तारी से गांव वालों को एक बार फिर पुलिसिया दबाव का सामना करना पड़ रहा है। गांव के बच्चे स्कूल जाने से वंचित हो रहे हैं। महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही है। रोजी रोटी का मिलना मुहाल हो गया है। धान के पके फसल खेत में तैयार हैं। लेकिन उनकी कटाई करने वाला गांव में कोई नहीं है। फसल बर्बाद हो रहे हैं। जो युवक गांव में खेतों में काम करने वाले थे, पशुओं का चारा लाने वाले थे, घर में अनाज लाने वाले थे वे सभी घर छोड़कर पुलिस के डर से कहीं बाहर छुपे हुए हैं। गांव के लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है। हमने उन आंखों को भी देखा जो कहना तो बहुत कुछ चाह रहे थे लेकिन कह नहीं पा रहे थे। हालांकि उनके आंसुओं ने हमें सब कुछ बता दिया। बूढ़े मां बाप को अपने जवान बच्चों का इंतजार है जो कहीं चले गए हैं। गांव वालों को चिंता है कि अनिरूद्ध यादव के बच्चों का क्या होगा? उनका जीवन यापन कैसे चलेगा। मृतक अनिरुद्ध यादव की मां बूढ़ी है, जो भीख मांग कर किसी तरह से बच्चों का पेट पालने पर मजबूर हो रही है।
मृतक का बहुत ही बुरे हाल में कच्ची झोपड़ी का मकान है, जिसमें बच्चे मौसम का मार झेलने को मजबूर हैं। अनिरुद्ध यादव अकेला ही इस परिवार में कमाने वाला था। अगर प्रशासन द्वारा इस गांव में राहत हेतु जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो, इस गांव में बहुत बड़ी अनहोनी हो सकती है। भुखमरी से इस गांव में मौतें भी हो सकती है।