Bihar News-भाकपा-माले नेता कामरेड डॉक्टर रामदास सिंह कि श्रद्धांजलि सभा आज नरहरपुर गांव में पार्टी जिला सचिव विशेश्वर प्रसाद यादव के अध्यक्षता में आयोजित हुई

संवाददाता राजेन्द्र कुमार
वैशाली /जंदाहा
श्रद्धांजलि सभा को आरा से भाकपा माले सांसद, सुदामा प्रसाद, योगेंद्र राय, सुमन कुमार, रामबाबू भगत,, नरेंद्र कुमार सिंह, रामबाबू पासवान, प्रेमा देवी, कुमारी गिरजा पासवान, मजिंदर शाह, ज्वाला कुमार, राजू वारसी, जगन्नाथ चंद्रवंशी, डॉ बी सिंह, पवन कुमार सिंह, राम पारस भारती, हरि कुमार राय, सुरेंद्र कुमार सुमन, जिला पार्षद ,मोहित पासवान, पूर्व प्रमुख प्रेम शंकर पासवान, मुकेश पटेल, चितरंजन पटेल, मोहम्मद साहिल, मोहम्मद खलील, सहित अन्य लोगों ने संबोधित करते हुए कहा कि डाक्टर रामदास सिंह अपने युवावस्था से ही वामपंथी आंदोलन के सामंतवाद विरोधी संघर्षों का नेतृत्व करते रहे।
1982 में आईपीएफ से जुड़े उसके जिला कमेटी के सदस्य रहे फिर बाद में भाकपा माले के जिला कमेटी सदस्य के रूप में चुने गए। वे आजीवन भाकपा-माले के सदस्य रहे। और जनवादी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते रहे। विदित हो की लीवर की बीमारी के कारण उनका देहांत 19 अप्रैल 2025 को हो गया था और 20 अप्रैल को बड़े सम्मान के साथ पार्टी और इलाके के ग्रामीण गरीबों ने सम्मानपूर्ण ढंग से इन्हें अंतिम विदाई ऐतिहासिक चेंचर घाट पर दी थी। उपस्थित सभी नेताओं में फासीवाद साम्राज्यवाद पूंजीवाद के खिलाफ जारी उनके संघर्ष को आगे बढ़ाने, संविधान लोकतंत्र की रक्षा करने समाजवाद निर्माण के लिए जारी उनके लड़ाई को आगे बढ़ने का संकल्प लिया। नेताओं ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पहलगाम जैसी घटना पिछले 28 पर्यटकों की आतंकवादी हमले में मौत हो गई मोदी सरकार अपनी विफलता स्वीकार करने को तैयार नहीं है। पहलगाम में दो-तीन हजार पर्यटकों की उपस्थिति के बाद भी एक भी सुरक्षा कर्मी या पुलिसकर्मी वहां तैनात नहीं थे। खुफिया सूत्रों से केंद्र सरकार को आतंकी हमले की जानकारी मिली थी। इसके बावजूद सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया।
घटना के डेढ़/2 घंटे बाद प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तब तक स्थानीय लोगों ने पीड़ित पर्यटकों का इलाज और भोजन पानी का इंतजाम अपने खर्चे से किया। जिसे मोदी सरकार स्वीकार नहीं करती। नेताओं ने इस फासीवादी सरकार के खिलाफ संघर्ष को तेज करके डॉक्टर रामदास सिंह के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।