Bihar News नए विभागीय कार्यों के कार्यादेश पर सम्पूर्ण रोक:गरिमा

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
नगर निगम क्षेत्र के अनेक वार्डों में जारी विभागीय विकास कार्यों में शिकायत पाकर महापौर गरिमा देवी सिकारिया मंगलवार को औचक निरीक्षण किया। जांच के दौरान कनीय अभियंता सुजय सुमन, मनीष कुमार एवं अनेक लोग साथ रहे। इस दौरान ऐतिहासिक कालीबाग मंदिर के विवाह भवन के विभागीय जीर्णोद्धार में घटिया स्तर के ग्रिल एवं घटिया प्लास्टर के उपयोग को महापौर ने स्वयं पकड़ा। वही मंदिर परिसर में ही नाले की मरम्मती की स्वीकृत विभागीय योजना में महापौर ने पाया कि कनीय अभियंता द्वारा गलत ढंग से अनुरक्षण (रिपेयरिंग) मद की राशि से नया निर्माण का कार्य भी एनआईटी में डाल दिया गया है। अनुरक्षण मद की राशि से नया निर्माण करने पर सशक्त स्थायी समिति द्वारा पूर्व में रोक भी लगाई गयी थी। जांच के क्रम में नाले के विभागीय निर्माण में पुराने ईंटों के उपयोग एवं 4 इंच की जगह 2 इंच बेड की ढलाई को उन्होंने पकड़ा।

इन विभागीय योजनाओं के बाबत पूछने पर जेई सुजय सुमन ने बताया कि कागजी अभिकर्ता भले ही हम हैं, लेकिन सारा निर्माण कार्य स्थानीय नगर पार्षद सहमत अली के आदमी द्वारा कराया जा रहा है। एवं कनीय अभियंता ने यह भी बताया कि मुझे इस साइट के बारे में कोई जानकारी भी नहीं है। विभागीय योजनाओं पर लोगों की शिकायत मिलने पर जांच के लिए पहुंची महापौर ने भारी अनियमितता पर उक्त विभागीय कार्यों पर रोक और इस मद में भुगतान पर भी रोक का आदेश दिया। इसके बाद महापौर ने वार्ड 12 में सड़क निर्माण की विभागीय योजना में जीएसपी डालने में लोकल सेंड का उपयोग होते पकड़ा। महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि वार्ड आठ में भी बिना अमीन के प्रतिवेदन के ही नाला निर्माण की विभागीय योजना में सोलिंग कार्य में पुरानी ईंटों का उपयोग होने से लोगों की शिकायत उनके द्वारा जांच में सही पाई गई है।

वार्ड 18 में मिली शिकायत पर जाँच के दौरान महापौर ने पाया कि विभागीय योजना के तहत लाखों के चार तोरण द्वार बिना अमीन के प्रतिवेदन के सड़क को अतिक्रमण कर के ही बनाया जा रहा है, जो आगे दुर्घटना का कारण बनेंगे, जिसकी कोई उपयोगिता भी नहीं है। साथ ही वार्ड 18 में ही लाखों की लागत से बन रहे मवेशी अस्पताल के चहारदिवारी से सटे विभागीय नाला निर्माण बिना किसी उपयोगिता, बिना किसी कनेक्टिंग लिंक एवं एक दो घर के लिए ही बनाया जा रहा है, जबकि उनके घरों का पानी नदी में पहले से ही जाता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस नाले के निर्माण शुरू होने से पहले ही इसकी उपयोगिता नहीं होने की बात बता दी गई थी। स्थानीय लोग ने ही यह भी बताया कि विभागीय योजना की आड़ में ये पार्षद के ही ठिकेदार बन जाने से कार्यों में घटियापन ज्यादा है। निरीक्षण के बाद महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि इन सभी विभागीय योजनाओं के कार्य और उसके भुगतान पर रोक के साथ ही पूर्व में बोर्ड द्वारा पारित विभागीय योजनाएं जिनका अभी तक कार्यादेश नहीं जारी किया गया है, उन बाकी करोड़ों की सैकड़ों विभागीय योजनाओं के कार्यादेश पर रोक लगाई जाती है एवं बोर्ड से पारित उन बचे हुए योजनाओं के प्राक्कलन को नियमानुसार ई. टेंडरिंग की प्रक्रिया के तहत योजनाओं का आवंटन करने का निर्देश दिया जा रहा है। इसके साथ घटिया निर्माण की शिकायत करने वाले लोगों की महापौर ने तारीफ की। इसके साथ ही श्रीमती सिकारिया ने कहा लोगों की शिकायत के आधार पर उनके द्वारा आज लाखों की योजनाओं में भारी अनियमितता आज पकड़ी गई है। जबकि नगर निगम के सभी वार्डों में तीस करोड़ से ज्यादा की विभागीय योजनाएं जारी है। सभी विभागीय योजनाओं का प्राक्कलन हेवी बनाया या बनवाया गया है।
विभागीय योजनाओं के एक एक करके क्रियान्वयन में देरी होने से सरकारी राशि भी लेप्स हो रही है। इसका सारा पैसा जनता जनार्दन की गाढ़ी कमाई है। इसलिए अपने आस पास की सरकारी योजनाओं पर हमारे एक एक नगर निगम वासी को अपनी नजर जरूर रखनी चाहिए।




