Bihar news राजनैतिक शालीनता के अनूठे उदाहरण व अजातशत्रु रहे हैं अटल बिहारी बाजपेयी: गरिमा

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
मीना बाजार शिव मंदिर व्यवसायी संघ ने शनिवार को समारोह आयोजित करके अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती पर भारत रत्न को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं नगर निगम की निवर्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया को संघ द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष दिनेश कुमार वर्णवाल ने की। इस मौके पर श्रीमती सिकारिया ने भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुये कहा कि 25 दिसंबर 1924 को जन्मे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी 16 अगस्त 2018 तक जीवित रहे। वे देश के तीन बार के प्रधानमंत्री बने थे। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक, तथा फिर 1998 मे और फिर19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
अटल बिहारी बाजपेयी जी राजनैतिक शालीनता के अनूठे उदाहरण रहे हैं।राष्ट्रप्रेमी अजातशत्रु व्यक्तित्व का ही असर रहा कि विरोधी खेमा भी उनकी राजनैतिक नेत्रत्व क्षमता, अड़िग व्यक्तित्व और अटल जी के फैसलों पर उनके सम्मान में पक्ष-प्रतिपक्ष एक साथ समर्थक बना नज़र आता रहा। श्रीमती सिकारिया ने कहा कि इसीलिए किसी भी देशवासी को इसमें कतई भी शक नहीं है कि अटलजी सच में भारत के रत्न रहे हैं। आज भी प्रत्येक व्यक्ति के दिल मे उनके लिए ढेर सारा प्यार और सम्मान है। ऐसा इसलिए कि अटलजी ने अपने जीवन के हर एक क्षण को अपने देश की सेवा मे लगाया। अटल बिहारी बाजपेयी ने आपातकाल मे जेल जाने के बाद सत्ता मे आकर अपने कदम जमाये। ये उनकी देशसेवा का ही बल था कि देश के प्रधानमंत्री रहते हुये उनके कार्यकाल मे अनेकों योजनाओं का कायाकल्प हुआ और इसी के साथ उन्ही के कार्यकाल मे 11 और 13 मई सन 1998 को भारत की महान उपलब्धियों मे एक और इजाफा करते हुये पोकरण मे भूमिगत परमाणु परीक्षण कर भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न देश के रूप में विश्व पटल पर उभारा। इससे करोड़ों देशवासी व लाखों युवाओं ने उनसे प्रेरणा ली।
ये भारतीय संस्कृति की महानता और अटलजी के विशाल ह्रदय की उदारता का प्रत्यक्ष परिचय था की सभी झगड़ों और आपसी मतभेदों को उन्होंने राष्ट्रधर्म के सामने तुच्छ माना। आज उनकी 97 वीं जयंती पर हम भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। मौके पर कृष्णा प्रसाद, संजीव कुमार, संजय कुमार, रमेश प्रसाद, अजय कुमार, आचार्य सुजीत द्विवेदी, धर्मेंद्र कुमार, शत्रुधन प्रसाद, विनोद प्रसाद, प्रह्लाद प्रसाद, मनीष कुमार इत्यादि मौजूद रहे।