Bihar News बैरिया थाने में पदस्थापित ए एस आई शिवधर सिंह की हार्ट अटैक से हुई मौत

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
बैरिया थाना में पदस्थापित ए एस आई शिवधर सिंह की मौत बुधवार की रात्रि जीएमसी में इलाज के दौरान हो गई। थानाध्यक्ष प्रणय कुमार ने बताया कि बुधवार की रात्रि शिवधर सिंह को अचानक सीने में दर्द हुआ और मुंह से झाग व ब्लड आने लगा उन्हें उपचार के लिए थाने के सामने स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बैरिया ले जाया गया । लेकिन वहां किसी डॉक्टर के नहीं होने के कारण व एंबुलेंस नहीं होने के कारण उन्हें प्राइवेट गाड़ी से जीएमसी ले गया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई है ।इसके बाद उनके परिवार वालों को खबर की गई ।परिवार वाले भी पहुंचे हुए हैं। शिवधर सिंह भोजपुर आरा जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जुरा गांव के रहने वाले हैं ।जिन्हें एक पुत्र तथा दो पुत्री है। सिंह पांच भाइयों में दूसरे स्थान पर थे। श्री सिंह 30 अक्टूबर 2021 को पटना के पुलिस विभाग में पुलिस के पद पर ज्वाइन किया था।
फाइल फोटो शिवधर सिंह
अगर पीएचसी में होते डॉक्टर तो बचाई जा सकती थी ए एस आई की जान
बैरिया पुलिस ने बताया कि जब वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बैरिया में इलाज के लिए शिवधर सिंह को ले गए तो उस समय कोई डॉक्टर अस्पताल में नहीं था ।और ना ही वहां एंबुलेंस मिला जिसके कारण उनका वहां इलाज नहीं हो सका। कर्मियों का कहना था कि अगर समय पर डॉक्टर मिल जाते तो उनकी जान बचाई जा सकती थी ।
….ग्रामीणौ व नेताओं ने लगाए गंभीर आरोप
भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष कौशलेंद्र सिंह, माले नेता सुरेंद्र चौधरी, वार्ड सदस्य सोनू कुमार, विनोद चौधरी ,धामू चौधरी ,जदयूं नेता राजेंद्र मुखिया ,राजद के हिफाजत आलम सहित ग्रामीण ध्रुरा यादव, मदन शाह, नारायण यादव, असगनी मियां शहीद दर्जनों ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पीएचसी प्रभारी मिथिलेश चंद्र सिन्हा पीएसी के बजाय अपना प्राइवेट क्लीनिक चलाने में अधिक ध्यान देते हैं। जब से वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी हुए हैं ।तब से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बत से बत्तर हो गई है।रोस्टर में अपना ड्यूटी प्रतिदिन 2 बजे से 8 बजे रात्रि तक रखे है लेकिन वह कभी भी समय पर पीएचसी नहीं आते हैं ।वह शाम को चार व पांच के बीच में आते हैं व 6 बजे के पहले फिर लौट जाते हैं । कभी-कभी तो कर्मियों से टेलिफोनिक पूछ कर आते भी नहीं है। उनके सरकारी नंबर पर फोन करने पर भी वे फोन नहीं रिसीव करते हैं ।साथ ही वह कहते हैं कि पीएससी प्रभारी को ड्यूटी करने का आदेश नहीं है। वह ड्यूटी नहीं कर सकते हैं है और इसके लिए कोई उसे दबाव नहीं दे सकता। वे अपने मन से ड्यूटी करते हैं चाहे तो नहीं करेंगे। प्रभारी केवल विधि व्यवस्था की ही जिम्मेवार है ।
…. उनका बयान जानने के लिए उनके सरकारी नंबर 9470003206 पर कई बार फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।