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Azamgarh News: 113 साल पुराना जर्जर भवन मौत को दे रहा दावत उसी भवन मे रहने को विवश पुलिसकर्मी, कभी भी हो सकता बड़ा हादसा

संवाददाता-रवीन्द्र नाथ गुप्ता

अतरौलिया। बता दे कि जिलाधिकारी के आदेश पर जहां पुराने हो चुके सरकारी भवनों को गिराने का आदेश दिया गया है वही अतरौलिया थाने के पुलिसकर्मी आज भी 113 वर्ष पुराने जर्जर हो चुके भवनों में रहने को विवश है ।मकान पूरी तरह से जर्जर अवस्था में है जहां बारिश के मौसम में रहना मुश्किल हो जाता है ।छत से लगातार पानी टपकता रहता है। ऐसे मकान में लोगों की हिफाजत करने वाले पुलिसकर्मी स्वयं रहते है जबकि थाने पर एक प्रभारी निरीक्षक 8 सब इंस्पेक्टर ,9 हेड कांस्टेबल 11 महिला कांस्टेबल ,38 कांस्टेबल तथा 12 डायल 100 के पुलिसकर्मी रहते है।

जिसमें कुछ ही लोगों को रहने के लिए सुरक्षित आवास मिला है बाकी के पुलिसकर्मी इसी जर्जर भवन में रहते हैं। बारिश के मौसम में हालत बद से बदतर हो जाती है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है। पुलिसकर्मियों के रहने के स्थान बिल्कुल सुरक्षित नहीं है वही बारिश के मौसम में लगातार पानी टपकता रहता है तो वहीं थाना परिसर में ही निर्माणाधीन आवास का कार्य अभी तक रुका हुआ है जिससे पुलिसकर्मियों को थाना परिसर में रहने में सबसे बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।

ऐसे में पुलिसकर्मी या तो किराए के मकान में रहे या 1908 में बने हुए जर्जर मकान में। थाना परिसर में जर्जर भवन में रह रहे डायल 100 के पुलिस कर्मियों ने बताया कि हम लोग सर्दी,गर्मी,बरसात में दिन रात लोगों की सेवा में मुस्तैद रहते हैं लेकिन रहने के लिए 1908 में बना हुआ भवन ही नसीब में है जिसमें बरसात के मौसम में रहना बहुत ही मुश्किल है ।113 वर्ष पुराना मकान पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, दीवालें फट चुकी है ,जर्जर मकान की छत से बराबर पानी टपकता है, ऐसे मकान के अंदर पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर रहने को विवश है। वहीं थाना परिसर में ही शौचालय की सबसे बड़ी समस्या थी जिसके लिए शासन द्वारा मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसका निर्माण भी शुरू हो जाएगा।

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