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Ambedkar Nagar : भारतीय क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी के मित्र सेन यादव बाढ़ ग्रस्त गांव का निरीक्षण किया

भारतीय क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी के मित्र सेन यादव बाढ़ ग्रस्त गांव का निरीक्षण किया

पंकज कुमार । जनपद अम्बेडकरनगर विधानसभा आलापुर निकट थाना राजेसुल्तानपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत सिद्धनाथ तथा माझा कम्हारिया व आराजी देवारा मे बाढ़ ग्रस्त गांव का जायजा लिए भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी के वालेंटियरों जिला अध्यक्ष मित्र सेन यादव द्वारा ने आज बाढ़ प्रभावित गाँवाें का। भारी बारिश और घाघरा नदी में आयी बाढ़ से गाँव जलमग्न हो गये हैं।

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भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी के मित्रसेन ने बताया कि हर साल बारिश होने के साथ ही इन गांवों में बाढ़ की समस्या पैदा हो जाती है। लेकिन प्रशासन और सरकार इसपर कोई वाजिब कदम उठाने की जगह हर बार बाढ़ आ जाने के बाद कुछ-कुछ कर के मामले की लीपापोती कर देता है।

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इन इलाकों में बाढ़ आने की सबसे बड़ी वजह घाघरा नदी ते तलहटी पर भारी पैमाने पर जमी गाद है। गाद जमने की वजह से नदियों की गहराई काम हो जाती है और थोड़ा सा भी पानी बढ़ने पर बाढ़ आ जाती है।

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इसके लिए सबसे जरूरी है कि हर साल बरसात से पहले नदियों की समुचित सफाई करवाई जाए और गाद आने की असली वजह जंगलों की कटाई पर रोक लगाई जाए। लेकिन सरकार इंडियन फारेस्ट एक्ट में बदलाव कर पूंजीपतियों को जंगलो को काटने की खुली छूट दे रहीं है।
विन्द्रेश ने बताया कि बाढ़ आने के बाद जब भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी ने लोगों के साथ मिलकर प्रशासन पर दवाब बनाया तब जाकर नाव की व्यवस्था की गई लेकिन अभी जो नाव चल रही है वह जर्जर हो चुकी है, पेंदी से लगातार पानी नाव में घुसता रहता है। जब प्रशासन को इससे अवगत कराया गया तब 500 रुपये देकर प्रशासन ने इससे भी कन्नी काट ली है। इलाके में सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है, पानी भर जाने की वजह से धान की रोपाई भी नहीं हो पा रही है। ये कोई पहली बार नही हुआ है, हर साल बाढ़ आती है और फसलें बर्बाद हो जाती है, सरकार की तरफ से बर्बाद फसलों के लिए कोई मुआवजा भी नही मिलता है। इतना ही नही पिछले साल 62 दिन तक नाव का संचालन हुआ था लेकिन उसका अभी तक सरकार द्वारा कोई भुगतान नही हुआ है। गांवों में गंदगी का अंबार लग गया है, जिससे कई तरह के बीमारियों का खतरा गहराता जा रहा है। पशुओं के लिए चारे की कोई व्यवस्था सरकार द्वारा अभी तक नहीं की गयी है, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत के नाम पर कोई राशन सामग्री या अन्य जरूरत की सामाग्री अभी तक नहीं वितरित की गयी है। स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की गयी है। बंधे पर डॉक्टर केवल 2 घंटे के लिए ही मौजूद रहते हैं। सरकार द्वारा दवा की व्यवस्था न होने की वजह से डॉक्टर खांसी ,बुख़ार, जुकाम, दर्द आदि सभी बीमारियों के लिए एक ही दवा देने को मजबूर हैं। RWPI की ओर से सरकार से जल्द से जल्द उचित इंतज़ाम कर बाढ़ पीड़ितों के लिए पुख़्ता इंतज़ाम करने की मांग की गयी।

 

जनवाद टाइम्स

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