अम्बेडकर नगर न्यूज भारत रत्न डांक्टर भीमराव अम्बेडकर को महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धाजलि सभा लोगों ने किया याद

संवाददाता पंकज कुमार
अम्बेडकर नगर जनपद में
बहुजन समाज सेवा संगठन के तत्वाधान में जिला मुख्यालय अम्बेडकरनगर जनपद राहुलनगर कॉलोनी में पूर्व सांसद व आलापुर के विधायक त्रिभुवन दत्त के आवास पर करोड़ों करोड़ों दलितों शोषितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा एवं भारतीय संविधान के निर्माता परम पूज्य भारत रत्न बोधिसत्व बाबा साहब डॉ०भीमराव अम्बेडकर जी के 67वें महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धाजलि सभा का आयोजन किया गया|
कार्यक्रम की अध्यक्षता बी०एस०-3 के संरक्षक व पूर्व सांसद एवं आलापुर के विधायक त्रिभुवन दत्त ने किया| विधायक त्रिभुवन ने कहाकि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी भी एक बहुत ही गरीब समाज में पैदा हुए थे और उस समय तत्कालीन सामाजिक व्यवस्था के तहत जिस समाज के लोगों को इस मुल्क में पढ़ने लिखने का अधिकार नहीं था,जिनको अच्छा कपड़ा पहने का,जिनको अच्छी रोटी खाने का,अच्छे मकान में रहने की व्यवस्था नहीं थी|इस भारतवर्ष में गिट्टी से मिट्टी तक तोड़ने वाला समाज,सुई से लेकर हवाई जहाज तक बनाने वाला समाज,खेत खलिहान में काम करने वाला समाज और चाहे माघ की ठिठुरती ठंडक हो,जेठ की तपती दोपहरी हो,सावन की झमझमाती बरसात हो,हर समय में काम करने का कार्य करता है लेकिन ऐसे समाज के लोगों को इस मुल्क में गैर बराबरी की निगाह से देखने का काम किया जाता है|बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर जी को जब संविधान लिखने का मौका मिला तो बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने हर समाज के साथ-साथ गरीबों,मजदूरों,दलितों,शोषितो,पिछड़ों,अकलियतो व हर समाज के लिए बराबर का दर्जा देने का काम किया और जिस दिन 26 जनवरी 1950 को इस मुल्क में बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने संविधान दिया था उस दिन बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने खिलखिला कर हंस पड़े थे कि जिस समाज के लोगों को इस मुल्क में जानवर से बद्दतर जिंदगी जीने को मजबूर किया गया,ऐसे समाज के लोगों को भी मैंने वो अधिकार दे दिया कि वो समाज की अग्रणी भूमिका अदा करके अपने जीवन का निर्वाहन करने का काम कर सके| कांशीराम साहब एक बडे़ संगठनकर्ता थे,उन्होंने पूरे देश में बामसेफ का बड़ा संगठन खड़ा किया|सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को एक मंच पर लाने का कार्य किया जिससे पूरे देश पर संगठन के बदौलत सत्ता परिवर्तन करने का कार्य किया जा सकें|विधायक त्रिभुवन दत्त ने कहा कि तमाम महापुरुष इस धरती पर पैदा हुए उन्होंने अपने परिवार बसाते हुए समाज को जगाने का कार्य किया लेकिन कांशीराम साहब एक ऐसे मसीहा है जो पूरे हिन्दुस्तान के लोगों को अपना परिवार माना और निश्चित तौर पर समाज को सही दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।मान्यवर कांशीराम साहब ने सामाजिक परिवर्तन कर समाज को नयी दिशा दी है जिनके विचारों को ग्रहण कर सीखने व समाज को सिखाने की जरूरत है|जिससे समाज में जागृति पैदा हो सकें|बाबा साहब डॉ०भीम राव अम्बेडकर के द्वारा लिखे संविधान को कुछ दूषित मानसिकता के लोग बदलना चाहते हैं इस लिए संविधान को बचाने के लिए हमें संगठित होकर विकृत मानसिकता के लोगो को जवाब देने की जरूरत है।
संचालन राम प्यारे निषाद ने किया|इस मौके पर श्रद्धाजलि सभा को बी०एस०-3 के संयोजक अरविन्द कुमार,प्रबन्धक बदामा देवी,प्रधानाचार्य मेवालाल गौतम,संचित कुमार,राकेश कुमार,अविनाश चौधरी,लाल बहादुर प्रभाकर,विक्रम शाह,ई०पवन कुमार,गंगा प्रसाद यादव,परमेश्वर राम,राकेश कुमार,लाल बहादुर,संचित कुमार वर्मा,अजय गौतम राजेंद्र प्रसाद दाढ़ी गौतम बाकेलाल, आदि लोग मौजूद रहे|