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Agra News- गणेशराम नागर बालिका विद्या मंदिर में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान

संवाददाता इंद्रेश चतुर्वेदी

 

आज दिनांक 8 /10/2024 को गणेशराम नागर सरस्वती बालिका विद्या मंदिर बल्केश्वर आगरा में एस.एन .मेडिकल कॉलेज की सीनियर प्रोफेसर रुचिका गर्ग जी ने छात्राओं को ब्रेस्ट कैंसर ,सर्वाइकल कैंसर, PCOD और PCOS के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की।उन्होंने बताया कि बाल झड़ना ,अचानक वजन बढ़ जाना , मुंहासे होना, चेहरे पर बालों का आ जाना, महावारी का असंतुलित हो जाना यह सभी लक्षण PCOD के होते हैं। स्तन कैंसर तब होता है जब स्तन कोशिकाएं उत्परिवर्तित होकर कैंसरयुक्त कोशिकाएं बन जाती हैं जो गुणा करके ट्यूमर बनाती हैं।

Agra News- Health awareness campaign in Ganeshram Nagar Balika Vidya Mandir

  स्तन कैंसर आम तौर पर महिलाओं और जन्म के समय महिला (AFAB) के रूप में नामित लोगों को 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र में प्रभावित करता है, लेकिन यह पुरुषों और जन्म के समय पुरुष (AMAB) के रूप में नामित लोगों के साथ-साथ कम उम्र की महिलाओं को भी प्रभावित कर सकता है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी या कैंसरयुक्त कोशिकाओं को मारने के लिए उपचार के साथ स्तन कैंसर का इलाज कर सकते हैं।Agra News- Health awareness campaign in Ganeshram Nagar Balika Vidya Mandir

 

स्तन कैंसर के पांच से अधिक चेतावनी संकेत हैं। सबसे आम लक्षण स्तन में एक नई गांठ या द्रव्यमान है। अन्य लक्षणों में स्तन में सूजन, त्वचा में गड्ढे, स्तन या निप्पल में दर्द, निप्पल का पीछे हटना, निप्पल से स्राव और बांह के नीचे सूजे हुए लिम्फ नोड्स शामिल हैं।Agra News- Health awareness campaign in Ganeshram Nagar Balika Vidya Mandir

 

टीकाकरण और उपचार के अलावा, व्यक्ति रक्त के संपर्क से बचने (उदाहरण के लिए, सुइयों को साझा न करके), सुरक्षित यौन संबंध बनाने तथा महिलाओं के लिए नियमित पैप परीक्षण और संभवतः एचपीवी परीक्षण करवाने जैसे कदम उठाकर भी संक्रमण से जुड़े कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। इनके बचाव के लिए अनुशासित जीवन ,संतुलित आहार और कसरत करते रहना है तथा बाहर के खाने से परहेज रखना है उन्होंने सर्वाइकल कैंसर के बारे में बताया सर्वाइकल कैंसर के लक्षण में असंतुलित महावारी, बदबूदार पानी का आना, नाभि के नीचे हिस्से में बहुत दर्द होना है ।इसके बचाव में वैक्सीन के बारे में बताया जिसमें तीन तरह की वैक्सीन दी जा सकती हैं जो 9 से 14 वर्ष तक 2 डोज और 14 से 45 वर्ष तक 2 डोज में से बचाया जा सकता है। इस कार्य में उनकी टीम एवं विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती चारु पटेल जी ने बहुत सहयोग प्रदान किया।

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