Agra News: बड़ा कारनामा: मृत व्यक्ति के खाते से निकले दो लाख पचास हजार
संवाद जनवाद टाइम्स न्यूज
बाह: कस्बा स्थित कैनरा बैंक शाखा में एक बड़े सुनियोजित फ्रॉड का मामला प्रकाश में आया है। जहां छः साल पहले मृत हुए व्यक्ति के वर्षों से बंद पड़े खाते को चालू कराने के बाद फिंगरप्रिंट पॉश मशीन से करीब ढाई लाख रुपये गबन कर लिए गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बा स्थित केनरा बैंक में सुरेंद्र सिंह पुत्र रामलछिन निवासी सुताहरी का खाता संचालित था। 26 अगस्त 2016 में सुरेंद्र सिंह की मृत्यु हो गई उसके बाद लेन देन न होने के चलते सुरेंद्र सिंह के खाते को पूर्व शाखा प्रबंधक ने फ्रीज कर दिया था। मृतक सुरेंद्र सिंह की पत्नी का आरोप है कि शाखा प्रबंधक की मिलीभगत से कुछ लोगों ने उनके पति के खाते की केवाईसी करा कर खाते को चालू करा लिया। खाते में मृत्यु के समय करीब चार लाख रुपए मौजूद थे लेकिन एक माह के अंदर खाते में मौजूद रकम से करीब ढाई लाख रुपए धीरे धीरे कर निकाल लिए गए। मृतक सुरेंद्र की पत्नी उषा देवी ने जब बैंक शाखा में पहुंच कर शाखा प्रबंधक से मृत पति के खाते की डिटेल मांगी तो शाखा प्रबंधक ने डिटेल देने से यह कहकर मना कर दिया कि आपको किसी दूसरे के खाते की जानकारी प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं है बैंक की प्राइवेसी है कि जिसका खाता है डिटेल भी उसी को दी जाएगी। वही उक्त मामले में हंगामा होते ही किसी ने पुलिस को फोन कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता उषा देवी को थाने में प्रार्थना पत्र देने को कहा। जब उक्त महिला बैंक से बाहर निकली तो कुछ लोगों ने दबाव बनाकर उसको थाने ना ले जाकर अपनी बाइक पर बैठाकर सीधे घर ले गए और मामले को रफा-दफा करने के लिए कहा। वही शाखा प्रबंधक ने बताया कि मामला हेलो गैंग से संबंधित है। किसी के द्वारा फर्जी फिकेशन कर अन्य जगहों से पैसे निकाले गए हैं बैंक से पैसों का लेन-देन नहीं हुआ है। निकाली गई रकम दस दस हजार कर बीस बार में निकाली गई। वही मामला कोतवाली पहुंचने से पहले ही पीड़िता को कुछ लोग बरगला कर बाइक पर बैठाकर घर ले गए और रिपोर्ट ना दर्ज करने के लिए दबाव बनाने लगे।
सवाल जिनके जबाब का है इंतजार
(1) जब उक्त व्यक्ति की मृत्यु 6 वर्ष पूर्व हुई है और खाता फ्रीज था तो खाता कैसे चालू हुआ।
(2)मृत व्यक्ति की के वाई सी बिना व्यक्ति की मौजूदगी शाखा प्रबंधक ने कैसे कर दी।
(4)आधार कार्ड कैसे अपडेट हुआ।
वहीं पुलिस अगर इस मामले को गंभीरता से ले तो इस फ्रॉड की परतें खुल सकती हैं और हैल्लो गैंग से जुड़े लोगों तक पहुंचने में आसानी होगी। वहीं कुछ लोग उक्त पीड़िता को थाने तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं।