Bihar news चम्पारण प्रक्षेत्र के डीआईजी का गोपनीय रीडर शराब के नशे में कोठी से गिरफ्तार

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
चम्पारण प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक प्रणव कुमार प्रवीण के सरकारी आवास पर नियुक्त गोपनीय रीडर देवाशीष मिश्रा को शराब के नशा में डीआईजी कोठी से बेतिया मुफ्फसिल पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि रविवार के रात्रि डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण ने अपने रीडर को फोन किया परन्तु उनका जवाब व बोलने के तरीके से डीआईजी को शराब पीने का शक हुआ। तत्काल डीआईजी ने एसपी बेतिया उपेन्द्र नाथ वर्मा को फोन कर जांच कर गिरफ्तार करने का आदेश दिया। निर्देश के पश्चात बेतिया एसपी ने मुफ्फसिल थाना को कार्यवाही का निर्देश दिया। मुफ्फसिल पुलिस ने डीआईजी कोठी से रीडर देवाशीष मिश्रा को शराब के नशे में गिरफ्तार कर लिया। वहीं गिरफ्तारी के पश्चात उनका मेडिकल कराया गया जिसमें शराब पीने की पुष्टि चिकित्सकों ने भी कर दी। चम्पारण प्रक्षेत्र के डीआईजी के द्वारा अपने ही रीडर की गिरफ्तारी के पश्चात सारा पुलिस विभाग सन्न है। डीआईजी के कार्यवाही से हड़कंप भी मच गया है। क्योंकि कोठी पर ड्यूटी करने के पश्चात भी डीआईजी ने बड़ी कार्यवाही की है।
वहीं इस कार्यवाही से यह भी पुष्टि हो रही है कि शराबबंदी होने के बाद भी आम लोगों के साथ शराबबंदी को सफल बनाने का जिम्मा उठाने वाली पुलिस भी शराब पी रही है। 2016 से शराबबंदी लागू होने के पश्चात आज भी शराब बिक्री व पीने का खेल चल रहा है। जिसके परिणामस्वरूप कईयों ने अपनी जान भी शराब पीकर गंवाई है। वहीं अपने शराबबंदी के कानून लागू करने के प्रयास के तहत सूबे के मुखिया नीतीश कुमार सभी सरकारी कर्मचारियों और पुलिस को प्रत्येक वर्ष शराब नहीं पीने की शपथ भी दिलवाते रहते हैं। ऐसे में जब पुलिस ही शराब पीकर गिरफ्तार हो रहे हैं तो फिर राज्य भर में शराबबंदी के लिए शराब नहीं पीने का शपथ ग्रहण का दिखावटी ढोंग क्यों? प्रदेश के सभी जिलों में व्यापक प्रचार प्रसार पुलिस विभाग के द्वारा शराबबंदी को सफल बनाने के लिए महज एक *हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और* मुहावरा चरितार्थ करता नजर आ रहा है। पुलिस शराब ना पीने की शपथ लेकर चोरी छिपे शराब पीते ही रहते हैं। शराब पीए लोगों को पकड़ने वाली पुलिस जब स्वयं शराब पीकर ड्यूटी करें तो आखिर उनको कौन पकड़ सकता है? क्योंकि सभी जगहों पर डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण जैसे अधिकारियों का होना भी संभव नहीं होता है।
हालांकि सूत्र बताते हैं कि जिले के सभी थानों में पदस्थापित सिपाही से लेकर अधिकारी तक शराब का सेवन करते हैं। यदि वरीय पदाधिकारी औचक निरीक्षण करें तो ऐसे कई लोगों की गिरफ्तारी संभव हो सकती है। वहीं सूत्र यह भी बताते हैं कि कई थानाध्यक्षों की शराब बिक्री करवाने में भी अहम भूमिका है।
वहीं एसपी बेतिया उपेन्द्र नाथ वर्मा ने पूरे मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि डीआईजी के निर्देश पर जांच कर गिरफ्तारी की गई है और रीडर को जेल भेजा जा रहा है।