Etawah News: कस्बा बसरेहर मैं स्थित गोपाल मंदिर पर सीमित दायरे में कराये गए भक्तजनों को दर्शन।

संवाददाता रिषीपाल सिंह
इटावा से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर इटावा बरेली राजमार्ग पर कस्बा बसरेहर में स्थित गोपालधाम शिव मंदिर कई वर्षों से शिव भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है गोपालधाम का इतिहास तो पुराना है लेकिन कोरोना काल के चलते हैं मंदिर पर लगने वाला भव्य मेला 2 वर्षों से कोरोना की भेंट चढ़ गया है मंदिर पर सीमित भक्तों को ही दर्शन कराए जा रहे हैं तथा अन्य वर्षो की भांति उड़ने वाली भीड़ भी नही दिखाई दी। साथ ही पुलिस प्रशासन भी मन्दिर पर उपस्थित रहता।
मंदिर का इतिहास
कुछ लोगो का मानना है कि आज से लगभग 100 वर्ष पूर्व शिवभक्त पुत्तुलाल ने मंदिर का निर्माण करवाया था जिसमे भोलेनाथ सहित महाबली बजरंगबली की प्रतिमाओं की स्थापना करवाई थी लगभग 5 दशक पूर्व छंगे महाराज ने मंदिर में घोर रुद्रावतार की आराधना कर के मंदिर को सिद्ध प्राप्त मंदिर में परिवर्तित कर दिया जिससे मंदिर की ख्याति और बढ़ गयी। समय के चक्र में एक दिन छंगे महाराज ब्रह्मलीन हो गए उनके बाद मंदिर की स्थिति दिनोदिन बिगड़ती चली गयी और मंदिर जीर्णशीर्ण अवस्था मे हो गया। जिसे अनेक समस्यओं का सामने करके कस्बा बसरेहर के ही राजेन्द्र पोरवाल व उनके छोटे भाई प्रमोद पोरवाल ने मंदिर की कमान अपने हाथों में ली और मंदिर का भव्य निर्माण करवाया।
गोपाल मंदिर के वर्तमान व्यवस्थापक श्री राजेन्द्र पोरवाल, श्री प्रमोद पोरवाल, सनी, हार्दिक पोरवाल, शिवा पोरवाल, ओमजी पोरवाल है जो मंदिर की व्यवस्था देख रहे है तथा मंदिर पर आने बाले शिव भक्तों को सहूलियत प्रदान कर नेकी का कार्य कर रहे है।